रिटायर्ड आईएएस के घर ईडी का छापा , संपत्ति देख ईडी भी चौकी

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क


सेवानिवृत आईएएस अधिकारी व नोएडा अथॉरिटी के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास से प्रवर्तन निदेशालय ने 7 करोड रुपए के हीरे बरामद किए गए हैं। ईडी ने नोएडा की रियल एस्टेट कंपनी है। सिडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के दिल्ली ,नोएडा ,चंडीगढ़, मेरठ और गोवा स्थित ठिकानों पर मंगलवार को छापा मारा गया था। जिसमें मोहिंदर सिंह का आवास भी शामिल था।

आधिकारी मोहिंदर सिंह के घर से ईडी ने छापेमारी में 12 करोड रुपए का हीरा बरामद किया। ईडी ने पूर्व आईएएस के चंडीगढ़ स्थित घर के अलावा उनके कई ठिकानों पर भी छापेमारी की और लाखों रुपए कैश भी जप्त किए। साथ ही 7 करोड रुपए का सोना भी ईडी ने जब्त किया नोएडा प्राधिकरण भूमि घोटाले मामले में उनके घर व ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई की गई।

पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह साल 2007 से 2011 के बीच बसपा सरकार कई अहम पदों पर रहे। उन्होंने नोएडा और लखनऊ में करोड़ों की लागत से महापुरुषों के नाम पर स्मारक और पार्कों का निर्माण करवाया।

5 करोड़ का हीरा भी बरामद –
सूत्रों के मुताबिक ईडी की रेट में मोहिंदर सिंह के घर से करीब एक करोड रुपए कैश ,12 करोड रुपए के हीरे मिले । इनमे एक हीरे की कीमत 5 करोड रुपए है। इसके अलावा 7 करोड़ की कीमत के सोने के जेवरात और केस से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। यह 300 करोड रुपए का घोटाला था। जिसमें ईडी ने मनी लांड्री का मामला दर्ज किया था।

इसी कड़ी में ईडी ने जब चंडीगढ़ स्थित उनकी कोठी पर छापा मारा तो उनसे 14 घंटे तक पूछताछ की वह अलमारी व बेड में मिले 7 करोड़ के हीरे के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे। हीरो के अलावा उनके घर करीब 100 करोड़ की चल अचल – संपत्ति का पता चला इस बारे में पड़ताल भी की जा रही है।

ईडी के छापे में मिले दस्तावेजों से साफ भी हुआ कि बसपा सरकार में अपनी धाक जमाने वाले आईएएस अधिकारी महेंद्र सिंह अब रिटायर की लोटस प्रोजेक्ट के संचालकों से साठगांठ रही थी। इस पर ही सबने करोड़ों का वारा न्यारा किया। ईडी सूत्रों ने यह भी कहा कि चंडीगढ़ स्थित उनकी कोठी से मिले दस्तावेजों से उनके साथ ही कई और लोगों की पोल खुल रही है। इन दस्तावेजों के आधार पर ही ईडी अब वर्ष 2011 में नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात रहे कुछ अन्य कर्मचारियों का भी ब्यौरा जुटा रही है।

बिल्डरों को सस्ते में दी गई जमीन-
सरदार मोहिंदर सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बिल्डरों को औने – पौने दामों पर जमीन आवंटित की। रिपोर्ट्स के अनुसार बिल्डरों से केवल 10% राशि लेकर उन्हें 100 -100 एकड़ के प्लॉट आवंटित किए गए। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा वेस्ट क्षेत्र में लगभग 90 लाख वर्ग मीटर जमीन बिल्डरों को बेहद कम कीमत पर दी गई। जिसे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।

आरोपियों की लंबी सूची –
दिल्ली – एनसीआर में मोहिंदर सिंह के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की कहानी आम हो गई थी। आरोप है की जमीन के आवंटन के नाम पर आवंटियों से मोटी रकम ली जाती थी। औद्योगिक विकास के लिए आरक्षित भूमि पर बिल्डरों को प्लॉट अलॉट कर दिए थे।

महंगे पेड़ों का घोटाला –
जंगल से खजूर के पेड़ काटकर ग्रेटर नोएडा के पार्कों और सड़क डिवाइड्स पर लगाए गए। एक पेड़ की लागत ₹4 लाख रुपए तक दिखाई गई और बिना पेड़ लगाए ही करोड़ों रुपए के बिल पास किए गए।

ढाई अरब रुपए का घोटाला –
नोएडा ,ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में तैनात अधिकारियों के खिलाफ ढाई अरब रुपए के घोटाले का आरोप भी है। इसके बावजूद किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

जांच के बावजूद कार्रवाई नहीं –
घोटाले में शामिल 27 अधिकारियों के नाम सामने आए थे और शासन ने उनके खिलाफ जांच के आदेश भी दिए थे। लेकिन जांच को दबा दिया गया और अब तक किसी भी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।