बिहार – बाढ़ का पानी पीकर जा रहे लोग

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को बाढ़ से एवं बचाव कार्य केलिए 655 करोड़ रूपये की राशि जारी की हैं। राज्य में बीते 24 घंटे के भीतर पांच और बाँध टूट गए …

नेपाल में भारी बारिश का दंश बिहार झेल रहा हैं नदी – नाले उफान पर हैं कोसी सड़क और गंगा नदी में बाढ़ के चलते शश्र -कस्बे गांव हर झग तबाही देखने को मिल रही हैं। 24 घंटे में इलाको में बाढ़ का पानी फेल गया हैं। अब तक 19 जिलों में 12लाख से ज़्यादालोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सबसे ज़्यादा पश्चिमी चम्पारण ,अररिया ,किशनगंज ,गोपाल गंज ,शिवहर ,सीतामणी सुपौल ,मधेपुरा ,मुजफ्फरपुर ,पूर्णिया ,मधुबनी ,दरभंगा ,सारण ,सहरसा और कटिहार बाढ़ से प्रभावित हुए हैं इन जिलों के 76 प्रखंडों के 368 पंचायतो में बाढ़ पानी फैल चूका हैं। यहाँ आम लोगो का जनजीवन पटरी से उतर गया हैं। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं।

मुख्यमंत्री बोले – बाढ़ पीड़ितों को किसी तरह दिक्कत नहीं हो …
मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जल संसाधन विभाग पूरी तरह मुस्तैद रहे और लगातार मॉनिटिरिंग करते रहे। आपदा प्रबंधन विभाग सतत अनिश्रवण करते रहे कि और क्या – क्या करने कि जरुरत हैं ताकि लोगो को कोई दिक्कत न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का हैं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव संचालन पॉलीथिन शीट्स राहत सामंग्री कि उपलभ्धता एवं उसका वितरण दवा पशुचारा ,बाढ़ , आश्रय ,स्थल , सामुदायिक रसोई ,ड्राई राशन पैकेट्स फ़ूड पैकेट्स जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि कि पूरी व्यवस्था रखे। और लोगो को सभी प्रकार कि राहत पहुचाये जिन क्षेत्रों में राहत सामंग्री पहुचाने में कठिनाई हो रही हैं। उन क्षेत्रों में फ़ूड मदद से पीड़ित परिवारों तक एयर ड्रॉप कर पहुंचाई जाए।

सरकार का कहना हैं कि नेपाल में 70 घंटे कि बारिश के बाद कोसी सड़क में इतना पानी छोड़ दिया गया कि तबाही मंच गई। उत्तरी बिहार में 24घंटे के अंदर 4 जिलों में 7 तटबंध टूट चुके हैं। 55 प्रख्डा के 270 गांव पूरी तरह डूबे हुए हैं। आम जनता का सवाल यही हैं कि आखिर … बिहार कि बाढ़ वाली समस्या का क्या कोई समाधान नहीं हैं। आखिर आज तक किसी पार्टी और सरकार ने बिहार को बाढ़ से बचने में दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाई ? आजादी के 70.-80 साल बाद भी बिहार में बाढ़ कि त्रासदी रोकने के लिए ठोस उपाए क्यों नहीं किये गए।

हैलीकॉप्टर के जरिये पहुंचाया जा रहा सूखा राशन –
वह हैलीकॉप्टर के जरिये सूखे राशन के पैकेट गिराए जा रहे हैं। इन गावो में आवागमन भी पूरी तरह ठप हो गया हैं। बाढ़ प्रभावित इलाको में 209 कम्युनिटी किचन संचालित हो रही हैं। इनमे करीब 87 हजार लोगो को भोजन करवाए जा रहे हैं। 24 जगहों पर बाढ़ राहत शिविर खोले गए हैं। वह 12000 से ज़्यादा लोगो ने शरण ले रखी हैं। 840 नवो का परिचालन किया जा रहा हैं इसके अलावा10 बोट एम्बुलेस का परिचालन भी बाढ़ प्रभावित इलाके में हो रहा हैं। बाढ़ के पानी में 2 लाख से ज़्यादा हेक्टेयर कि खड़ी फसल डूब गई हैं। किसानो को बड़े नुकसान की आशंका हैं। पानी उतरने के बाद नुकसान का आकलन हो जाएगा।