पेरेंट्स बच्चों से सेक्स पर नहीं करते हैं बात – लेकिन क्यों ?

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क

सेक्स एजुकेशन का मतलब सिर्फ पेनेट्रेशन नहीं होता उसे ये भी बताएं कि, बच्चा कैसे पैदा होता है सेक्स एजुकेशन का सारा ठीकरा स्कूल के सिर नहीं फोड़ा जा सकता क्योंकि हमारे शिक्षक भी सेक्स एजुकेशन पर बात करने से कतराते हैं। इसलिए पेरेंट्स को ही शुरुआत करनी चाहिए। माता-पिता सोचते हैं कि ,अगर बच्चे से सेक्स के बारे में बात करेंगे तो वह जल्दी ही सेक्शुअली एक्टिव हो जाएगा । ऐसा नहीं है अगर बच्चे को सही जानकारी दी जाए तो वह अनचाही प्रेगनेंसी से लेकर यौन रोग जैसे कई दिक्कतों से बच सकता है। पेरेंट्स इस भ्रम में होते हैं कि.. बच्चा अभी सेक्स शब्द से अनजान लेकिन जब सच्चाई सामने आती है तब उनके पैरों तले जमीन खिसक जाती है। पेरेंट्स पॉर्न वीडियो, फेसबुक, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बच्चों को सेक्स के बारे में खुली जानकारी तो मिल जाती है। लेकिन सही जानकारी नहीं मिलती है।

बच्चों को सेफ सेक्स के बारे में कैसे बताएं –
सेक्स एजुकेशन सिर्फ किसी को सेक्स के लिए तैयार करने के लिए नहीं है बल्कि यह एब्यूज के बारे में बात करने के लिए भी है । सेक्स दोनों पार्टनर के बीच गरिमा की बात है अगर आप किसी के साथ से फिजिकली एक्टिव हो रहे हैं। तो उसके कांसेप्ट को भी समझे। कंसेंट यानी सेक्शुअली एक्टिव दोनों पार्टनर की रजामंदी से हो रही है या जबरदस्ती इसका फर्क बच्चों को समझाएं अगर अभी से बच्चों को कंसेंट के बारे में समझाएंगे तो भविष्य में रेप जैसी घटनाएं कम हो सकती हैं।

बच्चों के साथ सेक्स पर बात करने के निम्न तरीके-
बच्चों को आप कहानियां किताबें वीडियो परिवार के साथ चर्चा फिल्म के जरिए सेक्स पर जानकारी दे सकते हैं। बच्चों के साथ – साथ ऐसा रिश्ता बनाए कि वह आपसे खुलकर बात कर पाए। जिस तरह गाड़ी का लाइसेंस बनाने के लिए 18 साल की उम्र चाहिए वैसे ही बच्चों को बताएं की सेक्स की सही उम्र क्या है।

लड़कियों को खास कर सेक्स के बारे में जरूर बताएं आप अपने अनुभवों के साथ बच्चों से सेक्स पर बात शुरू कर सकते हैं। उन्हें इन मुद्दों पर बात करने के लिए आमंत्रित करें लेकिन उनके साथ जबरदस्ती ना करें वरना बच्चे आपसे कतराने लगेंगे।

सेक्स पर बात करने के फायदे –
सेक्स एजुकेशन के बारे में बात करने से बच्चों में हेल्दी कम्युनिकेशन डेवलप होता है। हमारे समाज में सेक्स पर बात करना टेबू माना जाता है। लेकिन जब हम बच्चों को सेक्स के बारे में जानकारी देंगे। तो वह सही से लोगों के बीच अपनी बात रख पाएंगे । बच्चा अपने दोस्त से आधी अधूरी जानकारी हासिल करें। इसे बेहतर है की माता-पिता दोस्त बनकर हल्दी कम्युनिकेशन करें।

बच्चों की ओर से सेक्स पर पूछे जाने वाले सवाल –
मम्मा बच्चे कैसे बनता है , मम्मा पीरियड क्या होते हैं, क्या डैडी आपको मूवी वाली किसी देते हैं , बढ़ती उम्र के बच्चों में ऐसे तमाम सवालों के जवाब इंडियन फैमिली के पेरेंट्स के पास बहुत कम होते हैं।