रीडर टाइम्स शिवधीश त्रिपाठी
हरदोई पिहानी चुंगी स्थिति ब्रह्मकुमारी मेडिटेशन हाल में विहिप द्वारा दुर्गाष्टमी का कार्यक्रम भव्य रूप से मनाया गया। मुख्य वक्ता डॉ शीला पांडेय ( उपप्रधानाचार्य गुरु रामराय स्कूल, उपाध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद हरदोई) ने दीप प्रज्वलित कर माँ दुर्गा जी का पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। डॉ शिला ने कहा कि नारी वह शक्ति है जो दयालु रूप में योगमाया देवी जो स्वयं भगवान विष्णु की माया का साकार रूप है एवं अगर नारी क्रोधित हुए तो कालरात्रि हो जाती है। स्वयं शिव ने अर्धनारीश्वर अवतार लेकर स्त्री और पुरुष की समानता दिखाते हुए राक्षस अंधक को हराया था आज समय आ गया है कि नारी को अब स्वयं के अंदर की शक्तियों को पहचान कर समाज उत्थान में अपना योगदान अवश्य दे। विहिप की जिला उपाध्यक्षा एवं कार्यक्रम की संयोजिका कुसुमलता जी ने कहा कि नारी अब अबला नहीं, सबला कहलाती है, चुल्हा -चौकी छोड़ अब अंतरिक्ष में तिरंगा लहराती है। वात्सल्य की मूर्त, सृष्टि की रचयिता कहलाती है, पुरुष के संग हर क्षेत्र में, अपना दमखम दिखलाती है।
जिस देश की प्रथम नागरिक स्वयं महिला हो उस देश मे नारी को उससे प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही ब्रह्मकुमारी सेंटर की मालती दीदी ने कहाँ यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है वहाँ देवता निवास करते है।
अंत मे आयी हुई सभी माताए एवं बहनो का आभार व्यक्त करते हुए विश्व हिन्दू परिषद को ऐसे कार्यक्रम करने के लिए भी धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन सरिता गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विनीता पांडेय, बिना त्रिपाठी, संजू श्रीवास्तव, नीलम अग्रवाल, आशा बाजपेई, लक्ष्मी सिंह, पूजा गुप्ता, मीतू मिश्रा सहित कई माताए, बहने एवं विहिप की जिला एवं नगर कार्यकारिणी उपस्थित रही।