रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
झारखंड चुनाव के पहले चरण में 43 विधानसभा सीटों के साथ एक 11 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों और रिक्त संसदीय सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं झारखंड चुनाव में हेमंत सोरेन की साथ दाव पर है तो बिहार यूपी चुनाव में पीके की पार्टी डेब्यू कर रही है वायनाड उप चुनाव में प्रियंका गांधी का चुनावी आकाश हो रहा है….
बुधवार को 43 विधानसभा सीटों के लिए कल 688 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। कुल 15,344 मतदान केंद्र बनाए गए। इसमें 2688 शहरी मतदान केंद्र है। वहीं ग्रामीण मैदान मतदान केदो की संख्या 12 ,716 पहले चरण के लिए वाटर अपने मतों का इस्तेमाल करेंगे। 43 सीटों में 31 विधानसभा क्षेत्र में 950 मतदान केंद्र ऐसे हैं। जहां सुबह सात से शाम 4:00 बजे तक मतदान होगा।
चुनाव प्रचार करने पहुंचे मिथुन चक्रवर्ती का पर्स चोरी
अभिनेता से नेता बने मिथुन चक्रवर्ती मंगलवार को भाजपा का प्रचार करने धनबाद पहुंचे जहां मंच पर पहुंचने के दौरान किसी ने उनका पर्स पार कर लिया इसके बाद मंच संभाल रहे नेता सभा में आए लोगों ने मिथुन दा का पर्स लौटने का अनुरोध करते दिखे लेकिन पर्स नहीं मिला।
हेमंत के चेहरे पर पहला चुनाव –
झारखंड राज्य के गठन के बाद से झारखंड मुक्ति मौर्य मोर्चा (जेएमएम ) की चुनावी रणनीति से लेकर प्रचार अभियान तक दिशोम गुरु यानी शिबू सोरेन ही धुरी रहे है इस बार के चुनाव में पहली बार ऐसा है कि पार्टी की राजनीति से लेकर प्रचार अभियान और फैसला तक पूरी कामान हेमंत सोरेन के हाथ है। उम्मीदवार का सवाल हो या गठबंधन का जेएमएम की डिसाइडिंग सीट पर हेमंत सोरेन ही नजर आए हैं। हेमंत के साथ ही उनकी पत्नी कल्पना सुरेंद्र चुनाव प्रचार में खासी एक्टिव नजर आ रही है जो सियासत और सार्वजनिक जीवन से दूरी बनाए रखने के लिए पहचान रखती थी।
हेमंत तो पहले भी सीएम रहे लेकिन यह पहला मौका है कि जब वह जेएमएम के चुनाव अभियान का केंद्र बिंदु बनेगा या चुनाव स्वास्थ्य कर्म से शिबू सोरेन की सियासत से दूरी के बीच हेमंत के लिए सर्वाइकल का सवाल बन गया। यह चुनाव हेमंत के लिए एग्जिस्टेंस का सवाल बन जा रहा है। यह सवाल इसलिए भी गहरा हो गया हैं क्योंकि चंपई सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम जैसे कद्द्वान नेता चुनाव के पहले ही हेमंत और जेएमएम का साथ छोड़कर विरोधी दल भारतीय जनता पार्टी बीजेपी में जा चुके हैं।
कांग्रेस ने जारी किया घोषणा पत्र –
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी किया। कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने यह घोषणा पत्र झारखंड और यहां के लोगों के मुद्दों को ध्यान में रखकर बनाया गया। कोरोना काल के बाद राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई। लेकिन इस गठबंधन सरकार ने आगे बढ़कर अपने वादे पूरे किये। नौकरी के अवसरों की कोई कमी नहीं है। इस सरकार ने पिछली सरकारों की तुलना में अधिक लोगों को नियुक्ति किया सभी नौकरियां पाइपलाइन में है और इस सरकार के द्वारा बनने के बाद यह सभी नियुक्ति पुरी की जाएंगे।
पीके की पहली चुनावी परीक्षा –
बिहार की चार विधानसभा सीटों तरारी रामगढ़ , इमामगंज और बेलागंज सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। 2025 के बिहार चुनाव से पहले हो रहे यह उपचुनाव से ऐसी दलों के लिए लिटमस टेस्ट की तरह देखे जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड गठबंधन की शादी विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल और जिद्दी की अगुवाई वाले गठबंधन के लिहाज से भी अमन जा रहे हैं। इन उपचुनावो में रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर पीके की पार्टी जान स्वराज ने भी उम्मीदवार उठा रहे हैं।