क्या पहले से तय था कैलाश गहलोत का इस्तीफा या अचानक लिया फैसला

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा परिवार मंत्री कैलाश गेहलोत ने आम आदमी पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। उन्होंने केजरीवाल को पत्र लिखा शीश महल का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया है…

  • कैलाश गहलोत ने ‘आम आदमी पार्टी’ की कार्य प्रणाली पर उठाए सवाल
  • यमुना की बदहाली से लेकर शीशमहल तक का पत्र में किया जिक्र
  • दिल्ली चुनाव से पहले एक्टिव हुई मोदी पंचिंग मशीन -आप

दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा भूचाल उस समय आ गया जब केजरीवाल सरकार के वशिष्टम या मंत्रियों में से एक कैलाश गहलोत ने अचानक इस्तीफा दे दिया उनके इस अप्रत्याशित कदम से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। राजनीति विशेषण की इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या गहलोत का इस्तीफा वास्तव में अचानक लिया गया फैसला है या इसकी पृष्ठभूमि पहले से ही तैयार की जा रही थी। वही दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी ने कैलाश गहलोत का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। आप के ‘सूत्र’ ने गहलोत के इस्तीफे ईडी और इनकम टैक्स मजबूरी का जिक्र किया है।

आप सूत्रों ने कहा कि …कैलाश के खिलाफ ईडी और इनकम टैक्स के कई मामले चल रहे थे और उन पर ईडी और इनकम टैक्स की क्रेडिट भी हो चुकी थी। इसके लिए उनके पास बीजेपी में जाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं था आप सूत्रों ने कहा कि यह बीजेपी का गंदा षड्यंत्र बीजेपी दिल्ली चुनाव ईडी और सीबीआई के बल पर जीतना चाहती है।

कैलाश गेहलोत अपने पद और पार्टी से इस्तीफा देते हुए एक पत्र अरविंद केजरीवाल को भेजा उन्होंने इस्तीफा में यमुना की सफाई और शीश महल निर्माण का मुद्दा उठाया। गहलोत ने चिट्ठी में लिखा कि ‘यमुना की सफाई का वादा हमने पिछले चुनाव में किया था लेकिन सफाई अभी तक नहीं हुई हम अपना वादा पूरा नहीं कर पाए।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने अपने मंत्री पद के साथ-साथ आप की प्राथमिक के सदस्यता से भी इस्तीफा दिया। गहलोत ने पत्र में आरोप लगाते हुए। लिखा कि… जिस ईमानदार राजनीति के चलते हैं वह ‘आम आदमी पार्टी’ में आए थे वैसा अब नहीं हो रहा है। उन्होंने पार्टी के संयोजक व पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को शहर ‘शीशमहल’ करार देते हुए कई आरोप भी लगाए।

उन्होंने कहा कि … शीशमहल जैसे कई शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद है जो अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं। कि क्या हम अभी भी ‘आम आदमी पार्टी’ होने में विश्वास करते हैं। अब यह स्पष्ट हैं कि… अगर दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र से लड़ने में बिताती है तो दिल्ली के लिए वास्तविकता प्रगति नहीं हो सकती। मेरे पास आपसे अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा और इसलिए मैं ‘आम आदमी पार्टी’ के प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।