भाजपा के दिग्गज नेता श्याम देव चौधरी नहीं रहे

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
भाजपा के वरिष्ठ नेता और शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से सात बार पार्टी विधायक श्यामदेव राय चौधरी दादा का निधन हो गया। उन्होंने 85 की उम्र में अंतिम सांस ली दादा के निधन की जानकारी मिलते ही पार्टी कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई …
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शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा से सात बार विधायक रहे भाजपा के वृद्धि नेता श्याम देव राय चौधरी का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह वाराणसी के रवींद्र पुरी स्थिति निजी अस्पताल भर्ती थे। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हाल-चाल लेने के लिए उनके बेटे से फोन पर बात की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ दिन पहले ही उनका हाल-चाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने मुलाकात भी की थी श्याम जी राय चौथी वाराणसी में सबसे ज्यादा चुने जाने वाले विधायक थे।

85 वर्ष की अवस्था में श्याम देवराज चौधरी की तबीयत अचानक खराब होने की वजह से उनको पिछले दिन अस्पताल में भर्ती कराया गया। तो पूरा बनारस और बीजेपी के बड़े नेता भी उन्हें दादा के नाम से पुकारते भारतीय जनता पार्टी अपने इस बुजुर्ग प्रत्याशी पर ही भरोसा जताती थी। वह सात बार शहर दक्षिणी विधानसभा से चुनाव जीते थे।

ब्रेन हेमरेज की वजह से अस्पताल में थे भारती –
भाजपा नेताओं ने बताया कि ब्रेन हेमरेज की वजह से पूर्व विधायक को महमूरगंज स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। विधायक ने सीएमओ और प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता कर रवींद्रपुरी स्थित ओरियाना अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा था।

जनता में काफी लोकप्रिय थे दादा –
बता दे , की दादा भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं 2007 और 2012 में प्रोटेम स्पीकर बनाएंगे थे। तो वाराणसी शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र 1989 से २०१७ तक लगातार सात बार जीत हासिल कर पार्टी का जनाधार तैयार करने में श्याम देवराज चौधरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दादा जनता में काफी लोकप्रिय थे और भाजपा के काशी क्षेत्र के बड़े चेहरे के रूप में जाने जाते थे उनकी उम्र को देखते हुए 2017 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था।

जनता के लिए किया अनशन –
श्याम देव चौधरी ने अखिलेश यादव की सरकार में अनशन भी किया था। क्योंकि वाराणसी में लगातार हो रही बिजली कटौती से बेहद नाराज थे। उनके अनशन की वजह से अखिलेश यादव ने उनकी बातों को सुना था और वाराणसी में 24 घंटे में बिजली देने की घोषणा की थी इसके बाद वह और भी चर्चा में आ गए थे।