रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
बिहार लोक सेवा की 69वी सिविल सेवा परीक्षा के टॉपर में अधिकतर साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिन अभ्यर्थियों ने बीपीएससी में टॉप किया है…
गया जिले के कारोबारी मोहल्ले के निवासी और किसान अरुण कुमार शर्मा के बेटे चंदन कुमार ने बीपीएससी की 69वी में संयुक्त प्रतियोगिता में बिहार में नौवीं रैंक हासिल कर एक नई मिसाल पेश की चंदन कुमार वर्तमान में गया पोस्ट ऑफिस में क्लर्क के पद पर कार्यक्रत है पोस्ट ऑफिस में नौकरी करते हुए चंदन कुमार ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इस सफलता को प्राप्त किया उनके परिवार में खुशी का माहौल है और घर के सभी सदस्य उन्हें बधाई दे रहे हैं तथा मिठाई खिलाकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं।
मैं तीसरे प्रयास में नौवीं रैंक हासिल की मैने कहीं भी कोचिंग नहीं कि सभ्य अध्ययन सही सफलता हासिल की मैंने स्नातक किया इसके बाद से डाक विभाग में क्लर्क के पद पर कार्यक्रत मैं अपनी तैयारी नौकरी के साथ ही जारी रखी। पिताजी अरुण कुमार किसान है मां ग्रहणी है। दोनों ने मुझे मेरी पढ़ाई और तैयारी में हमेशा सहयोग किया। कभी कोई दिक्कत नहीं आने दी। मेरी इस उपलब्धि का श्रेय में अपने पूरे परिवार को देना चाहता हूं।
चंदन ने बताया कि नौकरी के साथ कैसे पढ़ाई की –
चंदन कुमार के पिता अरुण कुमार शर्मा पेशे से किसान है और गांव में ही खेती बाड़ी करते हैं। बीपीएससी में बिहार में नया रैंक लाकर बहुत अच्छा लग रहा है पोस्ट ऑफिस में ड्यूटी करने के बाद में रोजाना 5 से 6 घंटे पढ़ाई करता था। जब भी मैं ऑफिस से घर लौटा था थोड़ी देर आराम करने के बाद पढ़ाई में लग जाता था अगर आपका बेस मजबूत हो तो आप नौकरी करते हुए भी अच्छी पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा मेरे…. इस सफलता में मेरे बड़े भाई का बहुत बड़ा योगदान है उन्होंने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया परिवार के सभी सदस्य मुझे आगे बढ़ाने के लिए समर्थन देते हैं। बचपन से ही मेरी इच्छा प्रशासनिक सेवा में जाने की थी ताकि मैं लोगों के सुख दुख में शामिल होकर उनकी सेवा कर सकू। यही वजह है कि मैं बीपीएससी में प्रयास किया।
शिक्षा सफलता की कुंजी है –
चंदन कुमार के बड़े भाई राकेश कुमार जो एक शिक्षक है उन्होंने कहा कि , हमारे परिवार में हमेशा एक ही विचारधारा रही की शिक्षा ही सफलता की कुंजी चंदन को प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना था और हमें गर्व है कि उसने अपनी मेहनत से यह सफलता हासिल की है। चंदन कुमार के सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे इलाके के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। उनके संघर्ष और समर्पण ने यह साबित कर दिया की कड़ी मेहनत और सही दिशा में प्रयास करने से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।