महाकुम्भ के लिए तैयार हुए 5 टन लोहे के 2213 पांटून

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क

महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर है और इस बार संगम पर बनने वाले पांटून पुल एक बार फिर आस्था का प्राचीन इंजीनियरिंग के संगम का नजारा पेश करेंगे लगभग 2500 साल पुरानी फारसी तकनीकी से प्रेरित इंटरनेट वाले पुलों का निर्माण हर महाकुंभ और अर्ध कुंभ मेले में होता है जो करोड़ों श्रद्धालुओं को सुगम आवागमन की सुविधा प्रदान करते हैं।

महाकुंभ 2025 के लिए पांटून पुल की विशेषताएं –
महाकुंभ 2025 में लगभग 30 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है इसके लिए प्रशासन ने इस बार 20 से अधिक पांटून पुल बनाने की योजना बनाई।

पुल की लंबाई और चौड़ाई
प्रत्येक पांटून पुल को 500 मीटर से लंबा और लगभग 10 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा ताकि भारी भीड़ को आसानी से नियंत्रित किया जा सके।

वजनी वाहनों के लिए तैयार पुल –
इस बार पांटून पुलों को इस प्रकार डिजाइन किया गया कि वह न केवल पैदल यात्रियों बल्कि हल्की वाहनों का भार भी सह सके।

टेक्नोलॉजी और सुरक्षा –
पुलों पर सीसीटीवी कैमरे आपातकालीन रेस्क्यू सिस्टम और कंट्रोल रूम लगाए जाएंगे जिसमें श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुरक्षित हो।

प्रयागराज में महाकुंभ का महत्व –
प्रयागराज में गंगा , यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति का स्नान माना जाता है महाकुंभ 2025 इस आध्यात्मिक केंद्र पर लाखों श्रद्धालुओं को एकत्रित करेगी।

प्राचीन परंपरा –
महाकुंभ 12 सालों में एक बार आयोजित होता है और यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है।

आधुनिक सुविधाएं –
2025 में प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधा से स्वच्छता पर जल और बेहतर ट्रांसपोर्ट व्यवस्था की योजना बनाई।