रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
अपनी सुंदरता की वजह से अचानक चर्चा में आई मॉडल और इंकार हर्षा रिछारिया ने खुद को साध्वी का टैग दिए जाने को गलत ठहराया है …
प्रयागराज महाकुंभ में तमाम साधु , संत ,महंत पहुंचे। यहां खूबसूरत वायरल गर्ल भी चर्चा में है। प्रयागराज में हर्षा रिछारिया अपने लुक को लेकर काफी वायरल हो रही हर्षा रिछारिया ने कहा कि मुझे लगता है कि मैं अपना लुक बहुत नॉर्मल रखा था। जो मुझे पसंद है जो मेरे महादेव ऐसे रहते हैं। तो मुझे भी ऐसे रहना है। वह चीजे मुझे उनसे जोड़कर रखती है। ऐसे वायरल हो जाएगा इसका मुझे अंदाजा नहीं था।
पिछले दो तीन दिन से सोशल मीडिया पर हर्षा रिछारिया के वीडियो और फोटो खूब शेयर किया जा रहे हैं। इनमें से कई में उन्हें साध्वी कहा जाने लगा तो कुछ लोग उन्हें ट्रोल भी करने लगे। इस बीच हर्षा रिछारिया ने कुछ टीवी चैनलों से बातचीत में स्पष्ट किया कि। वह साध्वी नहीं है। हर्षा रिछारिया ने कहा कि प्लीज उन्हें साध्वी का टाइटल ना दिया जाए मैं साध्वी के लिए कोई भी संस्कार नहीं किया है। ना इसके लिए कोई दीक्षा लिए मैंने सिर्फ गुरु दीक्षा और मंत्र दीक्षा ली है। इसलिए मुझे साध्वी कहना गलत है।
आगे की योजना के बारे में पूछे जाने पर हर्षा रिछारिया ने कहा कि मैं आध्यात्मिक सनातन धर्म और संस्कृति से और युवाओं से हाथ जोड़कर कुछ कहना चाहती हूं यह मेरी प्लानिंग एक ग्लैमर की दुनिया से आध्यात्मिक की और बढ़ाने के पीछे जीवन के टर्निंग पॉइंट के बारे में पूछे जाने पर मुझे लगता है कि अपने आप ही आपकी लाइफ टर्न हो जाती हैं। आपको खुद पता नहीं चलता कि आप कहां जा रहे हो। यह चीज अपने आप हो जाती है।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अगर आपका परिवार , आपके महादेव हर चीज से भली भांति अवगत है तो जो समाज में बुराई फैला रहे हैं या नकारात्मक सोच फैला रहे हैं उनको हर बात की सफाई देने की जरूरत है। किसी की लाइफ में कभी भी चेंज आ सकते हैं। जब आस्था आपको बुलाती है ,जब धर्म बुलाता है ,जब आप संस्कृति से जोड़ते हो, जब आप भक्ति भाव में जाते हो, उसका ना कोई रंग रूप है ना कोई जेंडर होता है। इंसान कभी भी जुड़ सकता हैं। इंसान का कभी भी हृदय परिवर्तन हो सकता है।
हर्षा रिछारिया ने कहा कि मैं अपने बालों में कुछ चेंज करवाएं हैं आधे मेरे हैं आधे लगवाए हैं। मैं अपने महादेव का रूप हमेशा अपने जहन में लेकर चलती हूं। कि मेरे महादेव ऐसे दिखते हैं। तो मुझे भी ऐसे दिखाना है। मुझे उनकी जटाये बहुत अच्छी लगती हैं मैं भी बनवाना चाहती थी। लेकिन मैं पहले दूसरे प्रोफेशन में थी। मैं नहीं कर सकती थी। उन्होंने कहा कि अब मैं अपने प्रोफेशन को साइड में करते हुए। अपनी एक जिंदगी जी रही हूं। भक्ति के भाव में जी रही हूं मैं पुरे टाइम माथे पर भस्म लगाकर घूमती हूं। चंदन भी लगाकर घूमती हूं। मैं गुरु दीक्षा ली हुई हैं । मंत्र दीक्षा ली हुई है। मंत्र जाप करती हूं मैं साधना करती हूं।
हर्षा रिछारिया ने कहा कि हमारा सनातन धर्म , सनातन संस्कृति इतनी सुंदर है मुझे अच्छा लगता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने संस्कृति को जानना चाहिए ,समझना चाहिए और उसी को आगे बढ़ना चाहिए।