रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की इसके बाद कनाडा की कंपनी में 36 लाख महीने की नौकरी की फिर नौकरी छोड़कर संयासी बन गए अभय घर में घंटे ध्यान और आध्यात्मिक बातें करते थे …
महाकुंभ शुरू होने के कुछ दिन बाद ही चर्चा में आए आईआईटी बाबा ने अपने जीवन को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि वह कनाडा में नौकरी कर वापस आए और किताब भी लिख चुके हैं साथ उन्होंने बताया कि वह लाखों रुपए की सैलरी छोड़कर भारत लौट कर आए थे। साथ ही वह बताते हैं कि कई महीनो से उनका घर वालों से संपर्क नहीं हुआ है। अभय सिंह हरियाणा के झज्जर के सासरौली गांव से आते हैं। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई की है। उन्होंने बताया कि 10 तारीख को महाकुंभ आए थे। मैं अपने आपको ना संत मानता हूं , ना साधु मानता हूं ,वैसे आप मुझे बैरागी बोल सकते हो ,लेकिन फिर पूछते हो कि तुमने दीक्षा ली या नहीं संन्यास लिया या नहीं जिसने भी समझाया वह गुरु हो गया। उन्होंने बताया मैंने बीटेक किया एयरोस्पेस इंजीनियर में आईआईटी बॉम्बे से किया इसके बाद आईआईटी बॉम्बे से ही किया विजुअल कम्युनिकेशन बीटेक के समय भी मैं दर्शन शास्त्र के कोर्सेज लेता था कि जीवन क्या है।
अभय ने कनाडा की कंपनी में काम किया जहां 36 लाख रुपए सालाना का पैकेज था। कोरोना के दौरान वह भारत लौट आए अब घर में घंटे ध्यान और आध्यात्मिक बातें करते थे। उनकी इस हरकत से घर वालों को बहुत चिढ़ते क्योंकि उन्हें आस्था में भरोसा नहीं था। एक दिन वह घर में ध्यान कर रहे थे। इस दौरान उनके परिवार वालों ने पुलिस को फोन कर दिया और पागल बात कर उन्हें सौंप दिया। इसके बाद से उनका परिवार से मोह भंग हो गया और संन्यासी बनने का मन बना लिया।
तंत्र-मंत्र सीखा और भक्त भी –
अभय सिंह का इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें अभय सिंह कहते दिखाई दे रहे हैं कि उनका जो पसंद था। वही किया ऐसा ही दूसरों को करना चाहिए। उन्होंने बीटेक करते हुए भी साइकोलॉजी पढ़ते थे। उन्होंने तंत्र मंत्र भी सीखा और भक्ति भी अभय सिंह एक किताब भी लिख चुके हैं।
अभय से मिलना चाहता है परिवार –
अभय के पिता करण सिंह कहते हैं कि परिवार अभय से मिलना चाहता है उन्होंने पहले भी और अब भी मिलने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी वह कहते हैं। कि बेटे को घर वापस लाने का मन करता है। लेकिन वहां नहीं मानेगा क्योंकि वहां वैराग्य के मार्ग पर चल रहा है।