इसरो ने बुधवार को अपने ऐतिहासिक 100वे मिशन की सफल लॉन्चिंग की

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) ने बुधवार सुभाष श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी रॉकेट के जरिए नेविगेशन उपग्रह एनवीएस – 2 का सफल प्रक्षेपण किया। यह इसरो का सभा मिशन था मिशन की सफलता पर इसरो प्रमुख वीर नारायण ने खुशी जाहिर की इस दौरान उन्होंने इसरो के अगले मिशन की जानकारी दी लिए जानते हैं …

यह इसरो के नए अध्यक्ष वी नारायण का पहला मिशन था जिन्होंने 13 जनवरी को कार्यभार संभाला था वही इसरो का इस साल का यह पहला मिशन था इससे पहले इसरो ने पहले 30 दिसंबर 2024 को एक अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। जो एजेंसी का 99 मिशन था।

बता दे की सुबह 6:23 बजे जीएसएलवी एफ15 रॉकेट से एनवीएस दो मिशन लॉन्च किया गया। जीएसएलवी – F15 की 17वीं उड़ान है। एनवीएस – दो उपग्रह है जो नाविक ( एनएवीआईसी ) के उपग्रह प्रणाली का हिस्सा है। एनवीएस – दो सैटलाइट नेवीगेशन की इंडियन कांस्टेलेशन (नाविक ) श्रृंखला का दूसरा सेटेलाइट है इसका उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ भारतीय भूमि से लगभग 1,500 किमी तक के क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थिति , वेग और समय प्रदान करना है।

उन्होंने कहा कि इसरो ने रॉकेट के पुर्जों को साइकिल और बैलगाड़ी पर ले जाने के युग से लेकर चंद्रमा तक अपनी पहुंच बनाने तक का सफर तय करके इतिहास रचा। अब यह दुनिया की सबसे प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी में से एक है इसरो अब विदेशी विक्रेताओं के लिए भी वाणिज्य प्रक्षेपण कर रही है इसरो सूर्य और चंद्रमा में भी प्रवेश कर चुका है।

छह पीढ़ियां विकसित की –
इसरो अध्यक्ष वी नारायण ने कहा कि अब इसरो ने प्रक्षेपण वाहनों की छह पीढ़ियां विकसित की इससे पहले पीढ़ी 1979 में प्रोफेसर सतीश धवन के मार्गदर्शन में और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की परियोजना निदेशक के रूप में विकसित हुई। यह एसएलवी -३ ई१/ रोहिणी प्रौद्योगिकी पेलोड था नारायण ने कहा कि 46 साल बाद इसरो ने 548 उपग्रह को कक्षाओं में स्थापित किया । इसमें 120 तन का पेलोड 433 विदेशी उपग्रहों का 23 तन शामिल है।

यह होगा फायदा –
इसरो के अनुसार इस सैटेलाइट का उपयोग मुख्य रूप से भूमि , वायु और समुद्री नेविगेशन , सटीक कृषि , फ्लीट प्रबंधन , मोबाइल डिवाइस में स्थान – आधारित सेवाएं , उपग्रह के लिए कक्षा निर्धारण इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी )आधारित अनुप्रयोग , आपातकालीन और समय सेवाएं के लिए किया जाएगा।