महाकुंभ हादसे में गोरखपुर की दो महिलाओं की मौत… हादसे के पीड़ित बृजमोहन की कहानी

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
गोरखपुर के बृजमोहन बताते हैं कि वे लोग महाकुंभ में नहा कर वापस लौट रहे थे तभी लाखों की भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। वह पत्नी और सास का हाथ पकड़ कर घाट से लौट रहे थे। भगदड़ में दोनों का हाथ छूट गया वे लोग गिर गए हैं। भीड़ उनके ऊपर से होकर भागने लगी तभी वह संभले तो सामने पत्नी और सास की लाश पड़ी थी …

महाकुंभ प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान के लिए गए यूपी के गोरखपुर निवासी बृजमोहन का परिवार हमेशा के लिए उनसे जुदा हो गया बृजमोहन अपनी पत्नी और सास के साथ नहाने गए थे। लेकिन घाट से लौटते समय भगदड़ में पत्नी और सास का हाथ छूट गया और जब वह गिरकर संभले तो दोनों की लाश के साथ गांव वापस लौटना पड़ा।

परिजनों ने बताया कि बृजमोहन पत्नी लीला देवी ,सास सुनकेशी देवी व गांव की दो अन्य महिलाओं के साथ चोरीचौरा रेलवे स्टेशन से महाकुंभ के लिए हंसी खुशी रवाना हुए थे उन्हें यह नहीं पता था कि हंसते मुस्कुराते हुए 144 वर्षों के बाद आए सुखद सहयोग में जो मौनी अमावस्या के दिन स्नान के लिए जा रहे हैं वहां से पत्नी लीला देवी और सुनकेशी देवी की लाश के साथ वापस लौटेंगे।

बृजमोहन प्रशासन को दोषी ठहराते हुए बृजमोहन कहते हैं कि प्रशासन भीड़ पर कोई नियंत्रण नहीं कर पाई वे कहते हैं कि उनके नसीब में यही लिखा था कि अब वह किसे दोषी ठहराए उनके सामने ही एक दरोगा की भी मौत हो गई। वे लोग असहाय है यह सब देखते रहे पूरा रास्ता ब्लॉक कर दिया गया था एक रास्ता खोला गया था