रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल एक बार फिर विपश्यना में चले गए वह अगले 10 दिनों तक पंजाब के होशियारपुर में विपक्षयाना करेंगे …

विपश्यना करने के लिए पंजाब पहुंचे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नए विवादों में घिर गए। पक्ष विपक्ष की कई पार्टियों ने पूर्व सीएम केजरीवाल पर अटैक किया। बीजेपी का कहना है कि कभी वैगन आर सफर करने वाले आम आदमी होने का दिखावा करने वाले अरविंद केजरीवाल बुलेट प्रूफ लैंड क्रूजर में होशियारपुर आए . उनके साथ जैमर से लैस पंजाब पुलिस के 100 से ज्यादा कमांडो थे। दिल्ली सरकार में मंत्री और भाजपा नेता मनजिंदर सिंह शर्मा ने कहा कि 50 गाड़ियों के काफिले और 100 से ज्यादा कमांडो के साथ एंबुलेंस फायर ब्रिगेड लैंड क्रूजर के साथ कौन सी विपश्यना करने अरविंद केजरीवाल गए हैं।
केजरीवाल विपश्यना में शामिल होते रहे हैं और इसके पूर्व में वहां जयपुर , नागपुर ,हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के पास धर्मकोट और बेंगलुरु सहित कई स्थानों पर जा चुके हैं यह दूसरी बार है जब केजरीवाल विपश्यना सत्र के लिए आनंदगढ़ आए हैं इससे पहले उन्होंने दिसंबर 2023 में 10 दिवसीय सत्र में भाग लिया था। विपश्यना ध्यान के लिए प्राचीन भारतीय विधि है जो आत्म अवलोकन के माध्यम से आत्म परिवर्तन पर केंद्रित है।
केजरीवाल ने कहा कि विपश्यना बहुत साइंटिफिक है इस दुनिया में सबसे वाइब्रेशन है शांति अतः आपको क्या चाहिए शांति आप इस दुनिया को नहीं बदल सकते विपश्यना मोटे तौर पर आपको सीखना है कि दिमाग के चार हिस्सा है गौतम बुद्ध जब घर से निकले तो देखा कि इस दुनिया में हर आदमी दुखी है। इस दुख का एक कारण और उसका एक समाधान होना चाहिए। उसे कारण का समाधान तलाशने में लगे उन्होंने पाया कि दिमाग की चार हिस्से पहला हिस्सा है। जो देखा है दूसरा हिस्सा उसे अच्छे बुरे की संज्ञा देता। तीसरे हिस्से के जरिए हमारे शरीर में बदलाव होते हैं। जैसे कुछ होता है सांस में बदलाव होता है शरीर में सनसनी होती अगर गुस्सा होता है सांस तेज हो जाती हैं। बॉडी में सनसनी होती चौथा हिस्सा इन दोनों चीजों पर रिएक्ट करता है केजरीवाल ने आगे कहा कि बुद्ध ने देखा की चौथी पाठ को अगर मैं काट दूं तो दुनिया से दुख खत्म हो जाए। यदि मैं अपने बॉडी में होने वाले सेंसेशन सनसनी पर रिएक्ट करना बंद कर दो तो मेरी बॉडी टेंस हुई और मैं रिएक्ट ना करूं तो गुस्सा गुस्से का मुझ पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा जितना हमारे अंदर विकार है वह बाहर की चीजों से नहीं अंदर है अंदर मेरे शारीरिक में जितनी सेंशन हो रही उन पर रिएक्ट करना बंद कर दूं तो दुख खत्म हो जाएगा यह विश्व आसन का सार है।