मरीज को खरीदने वाले गोरखपुर के चार हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
यूपी के अस्पतालों में मरीजों के इलाज और कमीशन खोली के रैकेट को बुधवार सुबह एक्सपोज किया गया। डॉक्टर बोले मैरिज दीजिए लाखों कमाइए …

प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों के इलाज के नाम पर चल रही धंधेबाजी का एक मामला उजागर हुआ। जिसमें गोरखपुर शहर के 8 अस्पतालों में मरीज माफिया का नेटवर्क मजबूत होने का दावा किया गया। इन अस्पतालों में मरीज भर्ती करने पर एंबुलेंस चालक से लेकर एजेंट तक अलग-अलग रेट से रुपए मिलते हैं। सीएमओ ने इन आठ अस्पतालों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इनमें से चार और लाइसेंस अस्थाई रूप से निलंबित भी किया गया। निजी अस्पताल में मरीजों के भारती के नाम पर खेल लंबे समय से चल रहा है। पिछले साल पैडलेगंज चौराहे के पास संचालित एक अस्पताल में मृतक का इलाज होने का राज उजागर हुआ। इसके अलावा हाल ही में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने आए। मरीज को निजी अस्पताल ले जाने का मामला खुला था। स्वच्छ विभाग ने एक साल में 27 अवैध अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। लेकिन इस बार जो नाम आए हैं वह सभी शहर के प्रमुख स्थानों पर चलने वाली और स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत अस्पताल इनमें से कई अस्पतालों के संचालक शहर के बड़े डॉक्टर हैं।

मैरिज माफिया एंबुलेंस चालू को झोलाछाप और दलाल मरीजों के परिजनों को बेहला फुसलाकर निजी नर्सिंग होम में पहुंचते हैं इसके बदले उन्हें 2000 से लेकर ₹10,0000 तक कमीशन मिलता है। मामला सामने आने के बाद सीएमओ कार्यालय की ओर से इन अस्पतालों को नोटिस भेजा गया है जवाब संतोषजनक नहीं होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही गई। बताया जा रहा है कि इनमें से चार निजी अस्पतालों के लाइसेंस को अस्थाई रूप से निलंबित कर नोटिस जारी किया गया है। सभी अस्पताल संचालकों को 7 दिन में जवाब देना होगा वाले एंबुलेंस संचालकों पर भी कार्रवाई हो गया अस्पताल की तरफ से जवाब मिलने के बाद अगली कार्रवाई होगी।