Home Breaking News मोदी सरकार के लिए वरदान साबित हो सकती है इस साल की समय से पहले की बारिश
मोदी सरकार के लिए वरदान साबित हो सकती है इस साल की समय से पहले की बारिश
May 31, 2018
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने इस बार बिना इंतजार कराए मंगलवार को तटीय केरल पर दस्तक दे दी है| हर साल की तरह इंतजार करने वाले मौसम ने इस साल समय से पहले ही केरल में बारिश की शुरआत कर दी है | जहां मौसम विभाग का आंकलन था कि मॉनसून इस साल सामान्य रहने के साथ-साथ 1 जून को केरल के तटीय इलाकों में दस्तक दे देगा, मॉनसून के तीन दिन जल्द आने से देशभर में लोगों को राहत पहुंची है| अगर आंकड़ों की मने तो उत्तर पूर्वी राज्यों को छोड़ कर पूरे देश में बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है| केरल में पहुंचे मॉनसून की खबर का मंगलवार को शेयर बाजार पर भी सकारात्मक प्रभाव नजर आया। वहीं आर्थिक मोर्चे पर कुछ मुश्किलों का सामना कर रही मोदी सरकार के लिए इसे बड़ी राहत की खबर माना जा रहा है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि सामान्य मॉनसून और समय से पहले आया मानसून इस साल खरीफ फसल के लिए वरदान साबित होगा यही नहीं इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम करेगा| दक्षिण-पश्चिम मॉनसून देश में कुल बारिश का 70 फीसदी रहता है| और देश की 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए बारिश के तौर पर रक्तसंचार का काम करता है| मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर-पूर्व के राज्यों में सामान्य से कुछ कम लगभग 93 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है। वहीं उत्तर-पश्चिम में 100 पर्सेंट, मध्य भारत में 99 प्रतिशत, दक्षिण भारत में सामान्य से कुछ कम 95 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है।
मौसम विभाग के मानसून की चाल पर जारी ग्राफ के मुताबिक 28 मई को मानसून ने पहली दस्तक केरल के तटों पर दी| इसके बाद 29 मई को मानसून की पहली बारिश केरल के अधिकांश भाग और दक्षिणी तमिलनाडु में देखने को मिली| और इसका सीधा फायदा सरकार को मिलेगा| मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस साल मॉनसून खरीफ की फसल के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। यह देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देने का काम करेगा। कृषि जानकारों का कहना है कि मॉनसून के आने पर किसानों को चावल, गन्ना, मक्का और कपास जैसी फसलों की बुआई को प्राथमिकता देने में मदद मिलती है। सामान्य मॉनसून की स्थिति में किसानों की फसल की अच्छी पैदावार होती है, जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी भी होती है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 1 जून तक सारे केरल, तटीय कर्नाटक , सब-हिमालयन पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और नगालैंड समेत मणिपुर, मेजोरम और त्रिपुरा में तेज बारिश देखने को मिलेगी| गौरतलब है कि भारत का यह अहम दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत में दो जगहों से एंट्री करता है| पहली एंट्री श्रीलंका से होते हुए अरब सागर के दबाव में केरल के तट पर होती है| वहीं मानसून की दूसरी एंट्री बंगाल की खाड़ी में दबाव के चलते बंगाल और नार्थ-ईस्ट के राज्यों में होती है||
मॉनसून के तकनीकी पहलुओं को छोड़ दें तो केरल में बारिश शुरू हो गई है। आपको बता दें कि सामान्यतौर पर केरल में मॉनसून 1 जून को पहुंचता है। इसके बाद यह उत्तर की ओर बढ़ता है और 15 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। इस साल जल्दी बारिश शुरू होने को किसानों के लिए अच्छे संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।