Home Breaking News ब्रिटेन हाई कोर्ट ने माल्या को दिया बड़ा झटका, भारतीय बैंकों को चुकाने होंगे 2,00,000 पौंड
ब्रिटेन हाई कोर्ट ने माल्या को दिया बड़ा झटका, भारतीय बैंकों को चुकाने होंगे 2,00,000 पौंड
Jun 17, 2018
ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को तगड़ा झटका देते हुए 13 भारतीय बैंकों को उसके साथ कानूनी लड़ाई में हुई लागत मद में कम से कम 2,00,000 पौंड (लगभग 1.81 करोड़ रुपए) का भुगतान करें। ये बैंक माल्या से अपने बकाया कर्ज की वसूली के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
पिछले महीने जज एंड्रयू हेनशॉ ने दुनियाभर में माल्या की संपत्ति को फ्रीज करने के आदेश को रद्द से इनकार कर दिया था। जज ने एसबीआई के नेतृत्व वाले 13 बैंकों के संघ द्वारा 1.145 बिलियन पाउंड की वसूली संबंधी भारतीय कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था। साथ ही कोर्ट ने 62 वर्षीय माल्या को दुनियाभर में संपत्ति फ्रीज संबंधी आदेश के रजिस्ट्रेशन और कर्नाटक के कर्ज वसूली ट्रिब्यूनल (डीआरटी) के आदेश पर आई लागत को चुकाने का आदेश दिया।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि विजय माल्या उसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे बैंकों को पैसा लौटाए। किसी एक रकम पर दोनों पक्ष सहमत हों। या फिर कोर्ट बैंकों की ओर से कानूनी प्रोसेस में खर्च की गए पैसों का आंकलन करे। अगर कोर्ट पैसों का आंकलन करता है तो उसकी अपनी एक अलग प्रोसेस है, जो कि अदालती सुनवाई के साथ पूरी होगी। लेकिन इस बीच भी माल्या को कानूनी खर्च के तौर पर करीब 2 लाख पाउंड का भुगतान तो करना ही होगा।
न्यायाधीश हेनशॉ ने आठ मई को अपने फैसले में माल्या की संपत्तियों को कुर्क करने के विश्वव्यापी आदेश को पलटने से इनकार कर दिया। उन्होंने इस बारे में भारत की एक अदालत के उस आदेश को सही ठहराया कि 13 बैंकों के समूह को माल्या से लगभग 1.145 अरब पौंड की वसूली का अधिकार है। इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉरपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया व जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी शामिल है।
माल्या 9000 करोड़ रुपये के कर्ज नहीं चुकाने के मामले में ब्रिटेन में प्रत्यर्पण मामले का भी सामना कर रहा है। इस मामले की आखिरी सुनवाई अगले महीने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में होगी। इस दौरान उसकी बचाव टीम और भारत सरकार की ओर से क्राउन अभियोजन सेवा अपनी दलीलें पेश करेगी। पहले इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई को होनी थी लेकिन अब 31 जुलाई को होगी।