कश्मीर में सेना के जवानों पर होने वाली पत्थरबाजी में एक नया खुलासा हुआ है । यहां सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने के लिए सिर्फ स्थानीय युवाओं को ही नहीं बल्कि अन्य राज्य के युवाओं के शामिल होने का अंदेशा लगाया जा रहा है। एसएसपी सहारनपुर ने इसकी जांच के लिए एलआईयू की एक विशेष टीम गठित कर दी है। टीम ने तीन युवकों से पूछताछ भी की है।
उनका कहना है कि एक ठेकेदार उन्हें सिलाई फैक्ट्री में काम कराने के लिए पुलवामा लेकर गया था। वहां सेना के सर्च ऑपरेशन के दौरान उन्हें जबरन पत्थरबाजी करने के लिए भेजा जाता था। यही बात बागपत के युवकों ने भी कही है। कश्मीर में सेना के जवानों पर होने वाली पत्थरबाजी सूची में शामिल युवक ननौता, नकुड़ और आसपास के गांवों के बताए गए हैं। इनमें दो युवक पंकज और बबलू नकुड़ के गांव जुडी के हैं। वहीं बागपत के युवकों में बड़ौत का नसीम और डोलचा का शमीम है।
सहारनपुर में पुलिस और एलआईयू को बुधवार रात नकुड़ और ननौता के तीन युवकों ने बताया कि ठेकेदार उन्हें आतंकित कर पत्थरबाजों के साथ भेजता था। एक युवक बबलू के पिता नाथीराम ने बताया कि उनके बेटे पर कर्ज हो गया था, तीन माह पहले वह कर्ज उतारने के लिए कश्मीर काम करने गया था। बड़ौत का एक व्यक्ति उसे 20 हजार रुपये माहवार पर पुलवामा की एक सिलाई फैक्ट्री में काम कराने के लिए ले गया था। छह दिन पहले वह वापस आया और बताया कि वहां उन पर पत्थरबाजों में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा था।