अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने आख़िरकार अवैध प्रवासियों (इमिग्रेशन पॉलिसी ) को उनके बच्चों से अलग न किए जाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस पर हस्ताक्षार करते हुए ट्रंप ने कहा, हम परिवारों को एक साथ देखना चाहते हैं। हालांकि, ट्रंप के नए आदेश में ये साफ़ है कि अवैध प्रवासियों को लेकर अमरीका की ‘ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ पहले की तरह ही लागू रहेगी।
नए आदेश में कहा गया है कि अब अवैध प्रवासी परिवारों को एक साथ हिरासत में लिया जाएगा। हालांकि, अगर माता-पिता के हिरासत में लिए जाने से बच्चों पर ग़लत प्रभाव पड़ने की आशंका हो तो उन्हें अलग ही रखा जाएगा।
ट्रंप की पत्नी और अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने ही उनकी इस नीति आलोचना की थी, ऐसा बहुत कम देखा जाता है, जब मेलानिया इस तरह के नीतिगत मुद्दों पर अपनी राय जाहिर करती हों, लेकिन उन्हें यह नीति उन्हें इस कदर खटकी कि अपनी प्रवक्ता के जरिए उन्होंने कहा कि, बच्चों को उनके परिवारों से अलग होते देखने से उन्हें नफरत है, बता दें कि ट्रंप की यह नीति अमेरिकी सीमा पर प्रवासी माताओं-पिताओं और उनके बच्चों को अलग होने के विषय पर है |
पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की पत्नी लॉरा बुश ने भी ट्रंप की नीति पर निशाना साधते हुए, बच्चों के उनके माता-पिता से अलग होने के कदम को क्रूर और अनैतिक बताया था, साथ ही उन्होंने कहा था कि इससे उनका मन हताश होता है |
गृह सुरक्षा विभाग के आंकड़ों की अगर बात की जाए तो 19 अप्रैल से 31 मई के बीच करीब 2,000 बच्चे अपने माता-पिता एवं अभिभावक से अलग हुए हैं, जिन्हें कुछ विशेष केंद्रों में रखा गया है, यह ट्रंप की जरा भी बर्दाश्त नहीं करने की आव्रजन नीति के कारण हुआ, इस मुद्दे पर अमेरिका में बहस उस वक्त तेज हो गई जब माता-पिता से अलगाव झेल रहे बच्चों की तस्वीरें और कहानियां लोगों के सामने आईं, जिसकी उपज ट्रंप की विवादित आव्रजन नीति को बताया गया |
बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों को लेकर सीमा पर जीरो टॉलरेंस की आव्रजन नीति अपनाई, जिसके तहत अवैध तौर पर अमेरिका में घुसने वाले हर वयस्क व्यक्ति पर संघीय अपराधों का केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाता था, और बच्चों को उनसे अलग कर कस्टडी केंद्र भेज दिया जाता था, हाल ही में कस्टडी केंद्र में बंद एक छोटे बच्चे के रोने का ऑडियो वायरल हुआ जिसमें वो स्पेनी भाषा में पापा- पापा चिल्ला रहा था |
डेमोक्रेटिक नेता नेन्सी पेलोसी ने कहा , “ राष्ट्रपति का शासकीय आदेश बाल उत्पीड़न के एक रूप को दूसरे से बदलने का काम करेगा। भयभीत बच्चों को संरक्षण देने के बजाए राष्ट्रपति ने अपने अटॉर्नी जनरल को निर्देश दिए कि वह परिवारों को जेल जैसी स्थितियों में लंबे समय तक कैद रखने के लिए रास्ता तलाशे।
बता दें कि पिछले दिनों अमेरिका से एक फोटो वायरल हुई थी जिसमें एक छोटा बच्चा पुलिस वाले के सामने रो रहा था। उस रोते हुए बच्चे को देखकर वह पुलिस अधिकारी भी उसे गोद में उठा लेता है और आंसू नहीं रोक पाता है। अमेरिकी मीडिया में अवैध रूप से आए परिवार वालों के बच्चों की रोती बिलखती फोटो देखने के बाद कोई ऐसा नहीं था जिसने इसकी निंदा न की हो और ट्वीट कर अपना रोष न दिखाया हो।