राजस्थान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवारी ने आज पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। घनश्याम तिवारी ने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेज दिया है, घनश्याम तिवारी ने कहा कि पार्टी छोड़ना उनके लिए दुखद है | 5 बार से विधायक घनश्याम तिवारी ने अपना इस्तीफा ऐसे समय पर दिया है, जब दो दिन पहले ही उनके बेटे अखिलेश ने भारत वाहिनी पार्टी नाम से अलग पार्टी बनाई है।
इसके साथ ही उन्होंने नई पार्टी में जाने की घोषणा कर दी. इस पार्टी को अभी दो दिन पहले ही चुनाव आयोग ने मान्यता दी थी दरअसल ये संगठन पहले घनश्याम तिवारी ही चलाते थे, इसे अब पार्टी का दर्जा मिल चुका है| घनश्याम तिवारी हमेशा ही राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोधी माने जाते रहे हैं, अब घनश्याम तिवारी से के संगठन भारत वाहिनी का राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकरण हो गया है, विधायक के पुत्र और भारत वाहिनी के संस्थापक अध्यक्ष अखिलेश तिवारी के अनुसार चुनाव आयोग ने भारत वाहिनी को गत बुधवार को राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत कर लिया है, पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में सभी दो सौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी |
गौरतलब है कि घनश्याम तिवारी की पार्टी ‘भारत वाहिनी’ को हाल ही में चुनाव आयोग ने मान्यता मिली है, तिवारी की पार्टी का पहला अधिवेशन तीन जुलाई को जयपुर में होगा, तिवारी के बेटे अखिलेश पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष हैं | घनश्याम तिवारी की बीजेपी के दिग्गज नेताओं में गिनती होती है, वह भैरोंसिंह शेखावत सरकार में ऊर्जा मंत्री थे, लेकिन वसुंधरा सरकार से तिवारी के वैचारिक मतभेद जगजाहिर थे, अब तिवारी बीजेपी के लिए चुनाव में कितनी मुसीबत साबित होते हैं, ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा |
उन्होंने कहा कि वह ‘‘अब देश और प्रदेश में अघोषित आपातकाल के विरूद्व आवाज उठायेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी सत्ता के लालच में लोकतांत्रिक संस्थानों का गला नहीं घोट सके।’’ उन्होंने कहा कि राजस्थान के लोगों ने कांग्रेस से परेशान होकर भाजपा को सत्ता सौंपी थी, यहीं नहीं प्रदेश की जनता ने भाजपा को 25 लोकसभा की सीटों पर जीत दर्ज करवा कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हालांकि आज प्रदेश की जनता उनके लिये हुए निर्णय पर ठगा हुआ महसूस कर रही है।
तिवारी ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से भारत वाहिनी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे। इस पार्टी के दरवाजे समान विचारधारा वाले राजनैतिक नेताओं के लिये खुले हैं। भाजपा की राष्ट्रीय अनुशासन समिति द्वारा पिछले वर्ष तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किये जाने के बाद से वह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा नेतृत्व की आलोचना करते रहे हैं।
अनुशासन समिति की ओर तिवारी को उस समय नोटिस जारी किया गया जब उन्होंने पार्टी पर यह कहते हुए आरोप लगाये थे कि पार्टी माफियाओं और चापलूसों का अड्डा बन चुकी है और पार्टी के समर्पित निष्ठावान और योग्य लोगों को पार्टी से दूर किया जा रहा है।
2013 में हुए चुनावों में कांग्रेस को करारी मात देकर भाजपा सत्ता में आई थी. लेकिन पिछले काफी समय से भाजपा का हाल यहां पर खराब है. पिछले दिनों जब राजस्थान में अलवर और अजमेर में लोकसभा चुनावों के लिए उपचुनाव हुए तो भाजपा को इसमें करारी हार झेलनी पड़ी थी. इसके बाद से ही लग रहा है कि भाजपा में राजस्थान में हालात सही नहीं हैं. घनश्याम तिवाड़ी राजस्थान भाजपा के दिग्गज नेता हैं. वह समय समय पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की खिलाफत करते रहे हैं