अशोक श्रीवास्तव
बस्ती: कहते हैं समाज में बदलाव देखना है तो इसकी शुरूआत खुद से करनी होगी। बेहतरी की कल्पना सभी करते हैं किन्तु इस दिशा में जब रचनात्मक प्रयासों की बात आती है तो पीछे कोई खड़ा नही दिखायी देता, फिलहाल कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हे जिद है दुनियां बदलने की। हम आपका ध्यान अमहट घाट के निकट हाईवे पर बने कारगिल शौर्य स्तम्भ की ओर आकृष्ट कराना चाहते हैं। स्तम्भ भारतीय सेना के शहीदों की स्मृति में स्थापित है, हम सबके स्वाभिमान का प्रतीक है। यहां आसपास की जगह को नगरपालिका ने सजाने-संवारने की बजाय कूडा घर में तब्दील कर दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता बृहस्पति पाण्डेय को यह बात अखर गयी, उन्होने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला । कुलदीप सिंह, पंकज त्रिपाठी सहित कुछ और लोग बृहस्पति के साथ आये, सभी को शौर्य स्तम्भ की फिक्र हुई। मौके पर पहुंचकर सफाई अभियान में सहयोग दिया। खबर को नगरपालिका के चेयरमैन को टैग कर दिया। अच्छा हुआ उन्होने इसकी गंभीरता समझी और अधिशाशी अधिकारी एक्शन में आए, वहां सफाई अभियान शुरू करा दिया। अब वहां की तस्वीर बदली बदली दिख रही है। श्रेय जाता है बृहस्पति को। पहल तो करनी पड़ती है। बदलाव का ये जज्बात और खुद के साथ समाज को बदलने की जिद बनी रहे तो कुछ भी असंभव नही है।