योगी सरकार के बेलगाम दरोगा की हिटलरी ज़ुबान , मीडिया और बीजेपी नेताओं को जूतो की नोक पर मानने का ऐलान

रिपोर्ट : ब्यूरो चीफ सीवी यादव,रीडर टाइम्स 

 

538957-police-011517

हरदोई : एक तरफ जहां हरदोई जिले के ईमानदार व तेज तर्रार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्रा जिले में अपराध नियंत्रण का सफल प्रयास कर पुलिस विभाग की धूमिल हो चुकी छवि को सही रूप देने का सराहनीय कार्य कर रहे है. वही कुछ भ्रष्ट कर्मचारी पुलिसमित्र की छवि को धूमिल करने से बाज नही आ रहे है . ऐसा ही एक मामला आज देहात कोतवाली का देखने को मिला . वाक्या इसी कोतवाली क्षेत्र के पिहानी चुंगी के पास पिहानी रोड स्थित अब्दुल पुरवा का है जहाँ के पिहानी चुंगी चौकी इंचार्ज प्रमोद कुमार सिंह  से दो सगे भाइयो के बेटों के आपस मे मामूली झगड़ा हो जाने पर एक पक्ष के द्वारा शिकायत की गई. जिस पर दोनो भाइयो के दो- दो बेटों को रात करीब दो बजे गिरफ्तार कर कोतवाली ले आये . (आपको बताते चले शिकायतकर्ता दिनेश मिश्रा एक दबंग किस्म का व्यक्ति है जो अपने भाइयों समेत अपने मोहल्लेवासियों से भी आये दिन गाली गलौज व मारपीट करने पर उतारू रहता है व पुलिस को रिश्वत  देकर जेल भेजवा देने की धमकी देता है) , दोनो पक्ष के सगे चचेरे भाई रोहित मिश्रा जो कि पत्रकार है, अपना परिवारिक मामला होने के चलते अपने ब्यूरो के साथ दोनो पक्षों में सुलह समझौता कराने के उद्देश्य से देहात कोतवाली पहुंचे और कोतवाल राम चन्द्र आजाद से सुलह कराने का अनुरोध किया. जिन्होंने अपने अधीनस्थ यसआई पी.के. सिंह को सुलह कराने की जिम्मेदारी देकर चले गए . रोहित मिश्रा द्वारा पी के सिह से दोनो पक्षों में समझौता करा देने का आग्रह किया गया .; किन्तु इस पर पी के सिंह ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि मैं मीडिया और भाजपा नेताओं को जूतो की नोक पर मानता हूं और मेरे किसी मामले में अगर मीडिया या कोई नेता किसी भी तरह से मुझसे सिफारिश या अनुरोध करता है तो मैं वो बात बिल्कुल भी नही मानता हूं और वो ही करता हू जो मुझे अच्छा लगता है. वही दूसरे पक्ष ने शिकायत कर्ता से 10,000 रुपये रिश्वत लेकर एक पक्षीय बात सुनने का दबे स्वर में आरोप लगाया.
यही नही योगी सरकार के इस बेलगाम दरोगा ने बेकसूर पक्ष को गलत धाराओ में जेल भेज देने की धमकी दी और इसी नियत से फर्जी मेडिकल परीक्षण हेतु शिकायतकर्ता की ही पर्सनल गाड़ी से दो सिपाहियो के साथ जिला अस्पताल भी भेजा. लेकिन डॉक्टर ने अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए गम्भीर चोट की रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया. जिस पर थकहार कर और मामले को तूल पकड़ता देख दबंग दरोगा ने शांति भंग की धाराओं में ही चालान कर दिया . यह दरोगा कही भी सीधे सादे लोगो पर अपनी वर्दी का रौब झाडते देखा जा सकता है . घमण्ड से भरे इस दरोगा के कारनामो का अंदाजा इसकी इसी बदज़ुबानी से सहज ही लगाया जा सकता है कि जब ये वर्तमान सरकार के नेताओ और मीडिया के लिए ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग कर सकता है तब आम जनता से किस हद तक गिरी भाषा मे बात करता होगा . शायद यही अच्छे दिनों की शुरूआत है .