मलेशिया के PM का बयान, जब तक समस्या खड़ी नहीं करता तब तक भारत को नहीं सौपेंगे, जाकिर नाइक को

ZAKIR_NAIK

विवादित धर्म उपदेशक जाकिर नाईक को मलयेशिया भारत प्रत्यर्पित नहीं करेगा। मलयेशिया सरकार ने नाईक के प्रत्यर्पण से इनकार कर दिया है। मलयेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार को कहा कि नाईक को भारत नहीं भेजा जाएगा। बता दें कि जाकिर नाईक काफी समय से मलयेशिया में शरण लेकर रह रहा है। महातिर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जब तक वह कोई दिक्कत खड़ी नहीं करता हम उसका प्रत्यर्पण नहीं करेंगे, क्योंकि हमने उसे यहां स्थायी रूप से रहने की इजाजत दी है|

 महातिर से मीडिया में जाकिर के प्रत्यर्पण को लेकर आ रहीं खबरों पर सवाल किया गया था। उधर, जाकिर (52) ने भी अपने प्रत्यर्पण की खबरों को बेबुनियाद बताया है। उसका कहना है कि जब तक उसे नहीं लगता कि वह ‘गलत मुकदमे से सुरक्षित’ है तब तक वह भारत नहीं लौटने वाला।लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 31 मई के वहां के दौरे के बाद नाईक की मुश्किलें बढ़ गईं। मलयेशिया के प्रधानमंत्री ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह नाईक को वापस भारत लौटाएंगे। इससे पहले कई बार नाईक ने भारत लौटने से इनकार किया है।

डॉक्टर के तौर पर करियर की शुरुआत करने वाले नाईक 1990 के दशक में टेलीविजन पर उपदेश देने लगा था। हालांकि, बाद में ब्रिटेन और कनाडा सहित कुछ पश्चिमी देशों और बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने उनके विवादास्पद भाषणों के चलते उनकी एंट्री पर अपने यहां रोक लगा दी थी। बांग्लादेश अपने यहां हाल के वर्षों में हुए सबसे बड़े आतंकवादी हमले के लिए नाईक को जिम्मेदार मानता है। यह हमला 2016 में ढाका में हुआ था।

एनआईए कर रही जांच: 2016 में बांग्लादेश में कुछ आतंकियों ने दावा किया था कि वे जाकिर के भाषणों से प्रेरित हो रहे हैं। इसके बाद भारत में जाकिर के खिलाफ जांच शुरू हुई थी। वह जुलाई 2016 में भारत छोड़कर चला गया था। जाकिर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के मामले में एनआईए जांच कर रही है। आतंकी संगठन ISIS में शामिल होने के लिए देश छोड़ने वाले भारतीय युवकों ने भी भारतीय एजेंसियों को बताया था कि वे जाकिर के भाषण से प्रभावित थे. जाकिर नाईक के पीस टीवी को कई देशों में बैन किया गया है|