बढ़े MSP का श्रेय लेने पंजाब के किसानों के बीच पहुंचे PM मोदी, क्या 2019 के लिए मोदी के मंत्र से मानेंगे रूठे किसान!

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गन्ना किसानों से मुलाकात, नमो ऐप के जरिए देश भर के किसानों से बातचीत और फिर 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में कम से कम पचास फीसदी बढ़ोत्तरी का फैसला| जाहिर है 2019 के लोकसभा चुनाव में किसान राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम होने वाले हैं| नरेंद्र मोदी सरकार ने एमएसपी का राजनीतिक माइलेज लेने की तैयारी शुरू कर दी है| खरीफ की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब में रैली की| मुक्तसर के मलोट की इस रैली के जरिए पीएम मोदी की नजर मुख्य तौर पर किसानों पर थी| मोदी की यह रैली भले ही ‘किसान कल्याण रैली’ के तौर पर पेश की गई हो, लेकिन इसके कुछ राजनीतिक मायने भी हैं|

किसान हितैषी होने के दावों के बीच सरकार के खिलाफ कई बड़े किसान आंदोलन हो चुके हैं| मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में आंदोलन से सरकार परेशान है| इसका असर पूरे देश पर पड़ रहा है| ऐसे में बीजेपी ने इसे किसानों को रिझाने का हथियार बनाने का फैसला किया है| कोशिश ये है कि मोदी सरकार की छवि किसान विरोधी न होने पाए| दरअसल, दक्षिणी पंजाब के मलोट में मोदी के रैली करने का उद्देश्य बीजेपी के लिए पंजाब में किसान वोट बैंक हासिल करना है| क्योंकि सरकार द्वारा हाल ही में एमएसपी को लेकर की गई घोषणा के बाद यदि किसी राज्य के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा तो वो पंजाब के किसान हैं|

यह रैली एमएसपी बढ़ाने पर पीएम को धन्यवाद देने के लिए बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल ने संयुक्त रूप से बुलाई है| जिसमें न सिर्फ पंजाब बल्कि हरियाणा और राजस्थान के किसानों को भी बुलाया गया है| देश में 9.2 करोड़ किसान परिवार हैं| इसका मतलब करीब 45 करोड़ लोग| वे लोग जो गांवों में रहते हैं और सबसे ज्यादा वोट करते हैं| इसलिए सत्तारूढ़ दल इस पर फोकस कर रहा है| इसके पीछे वजह है 2019 में होने वाले लोकसभा और विधासनभा चुनाव| बता दें कि 2019 में लोक सभा चुनाव के साथ हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी हैं| इससे पहले राजस्थान में विधानसभा चुनाव होंगे| ऐसे में इस रैली में केंद्र व प्रदेश के भाजपा-अकाली नेता किसान वोट बैंक हासिल करने की कोशिश करेंगे|

सात और आठ जुलाई को फरीदाबाद में हुई हरियाणा बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में एमएसपी के मुद्दे पर किसानों को साधने की रणनीति बनाई गई| प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा आजादी के सात दशक में पहली बार किसानों के हित में इतना बड़ा फैसला लिया गया है| सरकार ने किसानों के लिए जो काम किए हैं उसे हम जनता के बीच ले जाएंगे| कार्यसमिति में मोदी को किसान रत्न घोषित किया गया| स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें न लागू करने के प्रश्न पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन ने कहा ‘देश के अन्नदाताओं को स्वामीनाथन आयोग नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी आयोग की नीतियां लागू करके मजबूत बनाने पर जोर दिया जा रहा है|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली को सम्बोधित करते हुए यह भी कहा कि हमारी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। देश में अभी तक 15 करोड़ से ज्यादा सोल हेल्थ कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। लेकिन कांग्रेस और उनके सहयोगियों की नींद उड़ गयी है। देश के किसान चैन से सो जाए ये कांग्रेस पार्टी को मंजूर नहीं है।