2019 में पीएम मोदी को सत्‍ता से हटाने के लिए, कांग्रेस को ममता-मायावती की पीएम उम्मीदवारी पर भी नहीं ऐतराज

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नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए, कांग्रेस राहुल गांधी के सपने की कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गई है। दो दिन पहले तक कांग्रेस विपक्ष की तरफ से राहुल को ही पीएम कैंडिडेट बता रही थी लेकिन बदले हालात में अब वो बीजेपी विरोधी किसी भी नेता को प्रधानमंत्री पद पर समर्थन देने के लिए तैयार हो गई है।कांग्रेस ने कहा कि पीएम पद के लिए वह सहयोगी पार्टियों के नेताओं का समर्थन करने को तैयार है, बशर्ते वह उम्मीदवार आरएसएस समर्थित न हो। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पीएम पद पर राहुल की उम्मीदवारी पर नहीं अड़ेगी। उनको पीएम पद पर कोई भी बीजेपी और संघ विरोधी नेता मंज़ूर है। क्योकि कांग्रेस हर हाल में 2019 में बीजेपी को सत्ता से बाहर करना चाहती है इसलिए वो पीएम पद पर ममता बनर्जी और मायावती का भी विरोध नहीं करेगी। और ये दोनों निश्चित रूप से आरएसएस के नहीं हैं| कांग्रेस 2019 में जीत के लिए भी आश्वस्त है|

2019 के आम चुनावों में कांग्रेस की रणनीति के संबंध में राहुल गांधी ने कहा कि मुख्‍य मुद्दा यूपी और बिहार में जीत हासिल से है क्‍योंकि इन दोनों राज्‍यों की कुल मिलाकर लोकसभा में 22 प्रतिशत सीटें हैं. इसलिए इन राज्‍यों में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस गठबंधन को तैयार है| हालांकि साथ ही यह भी कहा कि तेलुगु देसम पार्टी (टीडीपी) और शिवसेना जैसे बीजेपी के सहयोगी दलों ने एनडीए का दामन छोड़ दिया है| जिसका अतिरिक्‍त लाभ भी कांग्रेस को ही मिलेगा| खुद के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं के बारे में जब उनसे सवाल पूछे गए तो इस पर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह काफी हद तक तात्‍कालिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है|

राहुल गांधी का यह बयान ऐसे वक्‍त आया है जब कांग्रेस ने भले ही 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनके नाम को आगे बढ़ाया है लेकिन पार्टी ने इसके साथ ही यह भी संकेत दिया कि उसे शीर्ष पद के लिए विपक्ष में से किसी भी ऐसे किसी उम्मीदवार को स्वीकार करने में एतराज नहीं है जिसकी पीठ पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हाथ नहीं हो| पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने यह संकेत देते हुए यह भी कहा कि भाजपा को 2019 में सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस राज्‍यों में विभिन्न दलों का गठबंधन बनाने पर गौर करेगी|

अब इस पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पत्र ने चुटकी लेते हुए कि मानसून प्रधानमंत्रियों की बारिश हो रही है। संबित ने ट्वीट में लिखा, ‘पहले प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर राहुल गांधी और अब ‘कोई भी’, ऐसा लगता है जैसे इस मानसून ‘प्रधानमंत्रियों की बारिश हो रही है। लेकिन यह मत भूलिए कि पीएम सिर्फ 2 शब्द नहीं है। पी का मतलब है परफॉर्मेंस, एम का मतलब है मेहनत। क्या मुझे अब भी कहने की जरूरत है कि किसे प्रधानमंत्री होना चाहिए या किसे प्रधानमंत्री बरकरार रहना चाहिए?’

बता दें कि राजधानी में सौ से ज्यादा महिला पत्रकारों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष ने एक अनौपचारिक मुलाकात की थी और वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की। इसी दौरान उनसे जब पूछा गया कि क्या 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद वह भाजपा विरोधी गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री बनेंगे, राहुल गांधी ने कहा कि वह पिछले 15 साल से भी ज्यादा वक्त से राजनीति में हैं। इसलिए अब उन्हें देश, राजनीति और मुद्दों की पहले से बेहतर समझ है और जरूरत पड़ने पर वह राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान ज्यादा बेहतर तरीके से निकाल सकते हैं।

राहुल गाँधी से जब दूसरा सवाल किया गया कि क्या वो लोकसभा चुनाव में किसी महिला को प्रदानमंत्री पद पर स्वीकार करेंगे तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा-आरएसएस की सरकार या उसके द्वारा समर्थित किसी भी सरकार को बनने से रोकने के लिए वह हर मुमकिन कदम उठाएंगे और जो भी जरूरी होगा वह करेंगे। गौरतलब है कि बसपा अध्यक्ष मायावती और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी 2019 लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश कर सकती हैं।

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साथ उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस जितना ही कांग्रेस पर हमला करेगा, पार्टी को आगे बढ़ने में उतनी ही मदद मिलेगी|” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘दक्षिणपंथ या वामपंथ’ में नहीं बल्कि उदारवाद और व्यावहारिकता में यकीन करती है| सूत्रों ने कहा कि बीजेपी को अगला आम चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं मिलेंगी क्योंकि टीडीपी, शिवसेना जैसे दल उससे खुश नहीं है| नरेंद्र मोदी को फिर प्रधानमंत्री बनने के लिए उन्हें 280 के दायरे में सीटें हासिल करनी होंगी और वह होने नहीं जा रहा है|