दिल्ली में खतरे के निशान के पार यमुना,बाढ़ से निपटने को प्रशासन तैयार, सैकड़ो लोगो को पहुंचाया गया सुरक्षित स्थान

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यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाने के साथ ही राजधानी पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है| जानकारी के मुताबिक दोपहर तक दिल्ली के कई निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं| खतरे को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश सहित अपनी सरकार के आला अधिकारियों के साथ आपात बैठक की| दिल्ली आने से पहले हथिनी कुंड बैराज के पानी ने हरियाणा के यमुना नगर में तबाही मचा दी है| निचले इलाके में बसे गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है| जिस वजह से लोग दहशत में आ गए और शनिवार की रात सभी ने छत पर गुजारी|

पूर्वी दिल्ली जिले के डीएम महेश कुमार ने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए यमुना नदी के आसपास रह रहे 1500 लोगों को वहां से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। इन लोगों के लिए पूर्वी दिल्ली में 10 स्थानों पर 550 टेंट लगाए गए हैं। अगर इसके बाद भी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाना पड़ा तो उन्हें स्कूलों और नाइट शेल्टर्स में ठहराया जाएगा। बाढ़ के खतरे को देखते हुए यमुना के जल स्तर पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है। प्रत्येक घंटे में यमुना के जल स्तर की रिपोर्ट सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को जारी की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार शाम 7 बजे जल स्तर 205.30 मीटर पर पहुंच गया था, जो बढ़कर रविवार सुबह 205.5 मीटर पहुंच गया| इसमें और बढ़ोतरी होने की आशंका है| हथिनी कुंड बैराज से शनिवार शाम 6 बजे 6 लाख 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया| जिसके दिल्ली पहुंचने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है| यमुना के निचले इलाके वजीराबाद, सोनिया विहार, शास्त्री पार्त, गांधी नगर, ओखला समेत कई इलाकों पर बाढ़ का साया मंडरा रहा है| हरियाणा से छोड़े गए पानी के कारण दोपहर बाद यमुना विकराल रूप धारण कर सकती है|

यमुना में जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में हो रही खेती बर्बाद हो गई है| फसल तबाह हो गई है, घरों में पानी घुस गया है, जिसके कारण निचले इलाके के लोगों को छतों पर चढ़कर रात गुजारने को मजबूर होना पड़ा| इधर, सीएम के साथ हुई आपात बैठक के बाद अधिकारियों ने निचले इलाकों से लोगों को निकालकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है| केजरीवाल ने कहा कि सारे विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है|

भारी बारिश से यमुना नदी में बाढ़ का खतरा देखते हुए सरकार ने सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) से मदद मांगी है। यमुना से लगे क्षेत्रों में वाट्सएप और मुनादी से लोगों को नदी की ओर नहीं जाने की चेतावनी दी जा रही है। आपात स्थिति से निपटने के लिए नावों और खाद्य सामग्री का इंतजाम कर लिया गया है। डाक पत्थर, तौंस नदी व यमुनोत्री क्षेत्र में लगातार पानी का बहाव तेज होने और गिरी, आसन, बांसा सहित अन्य पांच से छह छोटी नदियों में पानी के तेज बहाव से यमुना उफनने लगी है।

केजरीवाल ने लोगो से शांति बनाये रखने की अपील

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लोगों से सहयोग मांगा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हरियाणा द्वारा छोड़ा गया पानी रविवार शाम तक दिल्ली पहुंच सकता है। प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है लोगों को भी सहयोग करना चाहिए। सभी विभाग के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है। बाढ़ संबंधी जानकारी 1077 पर दे सकते हैं। इसके लिए अलग से नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।

राहत पहुंचाने वाली बात ये है कि 19 जून 2013 को हथिनी कुंड बैराज से 8 लाख पानी छोड़ा गया था, तब यमुना का जल स्तर 207 पहुंच गया था. लेकिन तब दिल्ली में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई थी| यमुना में गिरने वाले सभी नालों को बंद कर दिया गया है और पंप से पानी खींचने का काम जारी है| हरियाणा के कई इलाकों में यमुना से सटे कई गांवों में पानी घुस गया है। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार के सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग ने चेतावनी जारी कर निचले इलाकों में रह रहे लोगों को झुग्गी झोपड़ियों को खाली करने का निर्देश दिया है।