Home Breaking News गूगल की गलती की चलते सेव हो गया था ,UIDAI का टोल फ्री नंबर जाने क्या है? पूरा सच
गूगल की गलती की चलते सेव हो गया था ,UIDAI का टोल फ्री नंबर जाने क्या है? पूरा सच
Aug 04, 2018
UIDAI के नाम से एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर कई एंड्रॉइड यूजर्स के फोन में अपने आप सेव हो गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने ट्विट करके यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकरण) की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करके ट्रोल करने लगे। ट्विटर पर विवाद बढ़ता देखकर आधार प्राधिकरण को ट्विट करके सफाई तक देनी पड़ी। जबकि, एक फ्रैंच एक्सपर्ट ने भी आधार कार्ड के डाटा बेस की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए यूआईडीएआई को कटघरे में ले लिया।
इन सब के चलते अब इस कहानी में न्य ट्विस्ट आ गया है| जी हाँ ! दरअसल एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनी गूगल ने इसके लिए जिम्मेवारी ले ली है। गूगल ने बताया की उसकी गलती की वजह से एंड्रॉइड यूजर्स के स्मार्टफोन्स में यह टोल फ्री नंबर सेव हो गया है। विवाद के बाद यूआई़डीएआई ने भी सफाई देते हुए कहा कि प्राधिकरण ने किसी दूरसंचार प्रदाता कंपनी या फिर फोन निर्माता को अपना टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पहले से डालने के लिए नहीं कहा है। प्राधिकरण ने ट्विट करके यह भी बताया था कि फोन में UIDAI के नाम से सेव हुआ नंबर 1800-300-1947 पुराना है और वैध नहीं है। आपको बता दें कि यूआईडीएआई का वर्तमान टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर केवल 1947 है।
गूगल ने यूआई़डीएआई विवाद पर गूगल ने अपनी गलती मानी है| और कहा है की जिन यूजर्स के फोन में ये नंबर सेव है | उसमें भारत या भारत के किसी अथॉरिटी का कोई लेना देना नहीं है। यह एक सॉफ्टवेयर इश्यू की वजह से है। गूगल ने कहा कि इस नंबर को साल 2014 में स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को दिए जाने वाले शुरुआती सेटअप वाले प्रोग्राम में डाला गया था। गूगल ने आगे कहा कि, कुछ हफ्तों में इस नंबर को लोगों के फोन से हटा लिया जाएगा और आगे भी किसी एंड्रॉइड स्मार्टफोन में यह नबर ट्रांसफर होकर सेव न हो इसका ध्यान रखा जाएगा।
साथ गूगल ने अपनी सफाई में टिपड़्ड़ी करते हुए यह भी कहा कि इस नंबर को यूजर्स चाहें तो डिलीट कर सकते हैं। नंबर सेव होने से यूजर्स के डाटा सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। आपको बता दें कि गूगल अपने एंड्रॉइड डिवाइस में आपातकाल के लिए भी एक टोल-फ्री नंबर 112 डिफॉल्ट करके सेव करता है। इस तरह ही टेलिकॉम कंपनियां भी अपने कुछ टोल-फ्री नंबर यूजर्स को सिम के साथ डिफॉल्ट सेव करती है। इस तरह के नंबर से यूजर्स को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।