गिलोय का सेवन करें और बीमारी मुक्त जीवन व्यतीत करें

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गिलोय एक आयुर्वेदिक बेल है जिसका उपयोग औषधि बनाने में किया जाता है | गिलोय को सभी पौधों की रानी कहा जाता है। इसे भगवान इंद्र के अमृत के रूप में माना जाता है इसलिए इसे अमृता के नाम से भी जाना जाता है। यह जंगलों में झाड़ियों में पाई जाती है | गिलोय के पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। गिलोय मन की चिंता व स्ट्रेस को दूर करके शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। गिलोय के उपयोग से डेंगू के रोगियों के रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा बढती है जिससे डेंगू के रोगियों का स्वास्थ्य जल्दी ठीक होता है।

 

अब लोग गिलोय घर में लगते है इससे बहुत सी फायदे मिलते है | जिस वृक्ष को यह अपना आधार बनाती है, उसके गुणों को भी अपने अंदर समाहित कर लेती है | अब जानते है गिलोय सी होने वाले फायदे :-

 

 

पीलिया में फायदेमंद:-

गिलोय का सेवन पीलिया रोग में भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गिलोय का एक चम्मच चूर्ण, काली मिर्च अथवा त्रिफला का एक चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर खाने से पीलिया रोग में लाभ होता है।आप गिलोय के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें। एक चम्‍मच रस को एक गिलास मट्ठे में मिलाकर सुबह-सुबह पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।

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कैंसर का इलाज :-

गिलोय स्टेम कोशिकाओं के प्रसार को उत्तेजित करता है और शरीर में डब्ल्यूबीसी(WBC) की मात्रा को बढ़ाता है। इससे कोशिकाओं में एंटीबॉडी कोशिकाओं का उत्पादन ज्यादा होता है और कैंसर को रोकने में मदद मिलती है।गिलोय के रस को गेहूं की पत्ती के साथ रस बनाकर पीने से शरीर में खून की कमी दूर होती है। साथ ही इसके रस का सेवन पानी के साथ मिलाकर खाली पेट करने से ब्लड कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से छुटकारा मिलता है।

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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये:-

गिलोय आपके शरीर की इम्युनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है जिसके कारण आप सर्दी जुखाम और दूसरी कई बीमारियों से बच सकते है | यह हर्ब आपके शरीर को साफ़ करती है और आपके गुर्दों, लीवर और शरीर से हानिकारक तत्वों को दूर करती है| इसके एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण आपको कई प्रकार की बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन से बचने में मदद करते हैं| इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं सर्दी जुकाम, बुखार में एक अंगुल मोटी लम्बी गिलोय का तना लेकर पानी में उबालें, और उसको पी लें । यह रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून-सिस्टम) को मजबूत करती है बुजुर्ग व्यक्तियों में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है | उनको बार बार हेने वाले सर्दी जुखाम को ठीक करती है |

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पाचन बनाएं बेहतर –

मानसिक तनाव, चिंता, भय, असंतुलित खान पान आदि आपके पाचन को गड़बड़ कर देता है | गिलोय में digestive और stress दूर करने वाले गुण होते हैं जो की बदहजमी, कब्ज, गैस, मरोड़ आदि समस्याओं को दूर करता है और आपके पाचन को बेहतर बनाता है| यह आपकी भूख को जगाने में भी मदद करता है| आप आधे ग्राम गुडूची के पाउडर को अमला के साथ ले सकते हैं या फिर गिलोय का juice पी सकते हैं या फिर गिलोय को छाछ के साथ मिलकर भी ग्रहण कर सकते हैं| गिलोय पेट में दर्द और मरोड़, जी मचलना, उलटी, acidity, लीवर problems को भी दूर करती है और अपच को रोकता है यदि आपका पेट सही होगा तब आपको मानसिक तनाव भी कम होगा और आपका जीवन खुशहाल बनेगा|

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आंखों के लिए फायदेमंद:-

गिलोय का रस आंवले के रस के साथ मिलाकर लेने से आंखों के रोगों से राहत मिलती है । इसके सेवन से आंखों के रोगों तो दूर होते ही है, साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती हैं। इसके लिए गिलोय के रस में त्रिफला को मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में पीपल का चूर्ण और शहद मिलकर सुबह-शाम सेवन करें।

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मोटापा कम करें:-

गिलोय मोटापा कम करने में भी मदद करता है। मोटापा कम करने के लिए गिलोय और त्रिफला चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ लें। या गिलोय, हरड़, बहेड़ा, और आंवला मिला कर काढ़ा बनाकर इसमें शिलाजीत मिलाकर पकाएं और सेवन करें। इस का नियमित सेवन से मोटापा रुक जाता है।

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गिलोय के उपयोग से पाएं गठिया में राहत –

गठिया का एक प्रकार है| गिलोय के एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी अर्थरिटिक गुण ना केवल आपको गठिया को कम करने में मदद करते हैं बल्कि यह हर्ब आपको गठिया के attack और उसके लक्षण जैसे दर्द, सूजन, जोड़ो में दर्द आदि से भी बचाए रखती है|अगर आप में से कोई व्यक्ति गठिया से पीड़ित है तो आपको गिलोय का सेवन जरूर करना चाहिए। गिलोय गाउट को राहत देने के लिए, अरंडी के तेल के साथ प्रयोग किया जा सकता है। गठिया के इलाज के लिए, यह घी के साथ भी प्रयोग किया जाता है। यह रुमेटी गठिया का इलाज करने के लिए अदरक के साथ प्रयोग किया जा सकता है।इसके के तने से बनाये गए पाउडर को दूध में मिला कर पीने से गठिया के रोगियों को बहुत राहत मिलती है |

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