योगी सरकार में आतंक का पर्याय बन रहे सड़कों पर घूमते आवारा पशु
Aug 24, 2018
रिपोर्ट : चंद्र विजय ,रीडर टाइम्स
हरदोई : हरदोई में सड़कों पर घूमते आवारा पशु आतंक का दूसरा नाम बन गए है और ये पशु किसी भी जगह किसी भी रोड पर लड़ते, बैठे, दौड़ते देखे जा सकते है . बीते दिनों एक आवारा सांड ने शहर कोतवाली में तैनात एक दरोगा पर अचानक हमला कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया था . यही नही इन आवारा पशुओ की वजह से सड़को पर आये दिन हादसे भी हो रहे है इन पशुओ की गुंडागर्दी कुछ इस कदर भी ब्याप्त है कि इनके आसपास से गुजरने वाला हर राहगीर डर सहम कर निकलता है कि कोई योगी सरकार के ये आवारा सिपाही कही हमला न कर दे . हर वो व्यक्ति जो फेरी लगाकर अपना जीवनयापन करता है . पूरे दिन में कई मर्तबा इन आवरागर्दो से दो चार होता देखा जा सकता है और शहर में ही नही बल्कि शहर से जुड़े राजमार्गों पर भी इन जानवरों के झुंड कही पर भी देखे जा सकते है . जिससे आवागमन तो बाधित होता ही है हादसों की सम्भावनाये भी बढ़ जाती है . यही नही गांवो में भी इन आवारा पशुओं के आतंक से किसानों का जीवन दूभर हो चुका है . इन जानवरों का झुंड किस तरफ से आकर किस किसान के खेत की हरी भरी फसल को चौपट कर दे कोई नही जानता इसी भय से किसानों को दिन रात अपने खेतों में पहरा देना पड़ता है .
फिर भी कभी कभार ये सुनने को मिल ही जाता है कि आवारा पशुओ ने अमुक किसान को हमला कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया. इन आवारा पशुओं की संख्या तीव्र गति से बढ़ रही है . इन पशुओ की संख्या में हो रही बेतहाशा वृद्धि का प्रमुख कारण आवारा पशुओं के रखरखाव हेतु गौशालाओ की पर्याप्त व्यवस्था न कर पाना हो सकता है . बहुधा इन पशुओ का जीवन संकट में होने पर इनके घायल हो जाने पर या इन्हें पीट देने पर बिभिन्न संगठनों के लोग वाहवाही लूटने के लिए इनकी वकालत करते या इनके लिए दूसरे समुदाय के लोगो से लड़ते भी नज़र आ सकते है . यहां तक कि कई बार तो किसी प्रदेश से गौकशी के आरोपी की हत्या तक हो जाने की खबर सुनने को मिल सकती है . लेकिन इस गम्भीर समस्या पर कोई भी संगठन विचार या चिंतन करता नजर नही आता . यह समस्या सिर्फ हरदोई की समस्या नही बल्कि प्रदेश व्यापी समस्या है और तो और प्रशासन यह सब देखकर भी ” खुली आंखों की गहरी नींद में सो रहा है। ” अगर इस समस्या पर गम्भीरतापूर्वक विचार न किया गया और इन जानवरों से निपटने व इनको गौशालाओं में अतिशीघ्र न रखने जैसे प्रभावी कदम नही उठाएं गए तो यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जाएगी और आमजनमानस का जीवन दूभर ही नही बद से बदतर हो जाएगा . शासन प्रशासन को इस समस्या पर सिरे से गम्भीरतापूर्वक सोचकर ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है .