नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में वेंकैया नायडू की पहली पुस्तक ‘मूविंग आन मूविंग फारवर्ड, ए इयर इन ऑफिस’ का आज विमोचन हो गया | इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा समेत तमाम दलों के नेता एक मंच पर दिखे, अपनी ही किताब के विमोचन के मौके पर वेंकैया नायडू ने संसदीय काम-काज से थोड़ी से नाखुशी जाहिर की, उन्होंने कहा कि मुझे थोड़ी नाखुशी है कि संसद जिस तरह से चलना चाहिए, उस तरह से नहीं चल रहा |
पीएम मोदी ने कहा कि सदन जब ठीक से चलता है तो चेयर पर कौन बैठा है, उसमें क्या क्षमता है, क्या विशेषता है, उस पर ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं जाता है। सदस्यों के विचार ही आगे रहते हैं, लेकिन जब सदन नहीं चलता है तो चेयर पर जो व्यक्ति होता है उसी पर ध्यान रहता है। वह कैसे अनुशासन ला रहे हैं, कैसे सबको रोक रहे हैं और इसलिए गत वर्ष देश को वेंकैया नायडू को निकट से देखने का सौभाग्य मिला।
पीएम ने बताया, ‘जब वेंकैया नायडू पहली बार मंत्री बने तो अटल बिहारी वाजपेयी चाहते थे कि इन्हें बड़ा मंत्रालय दिया जाए। मैं उस समय महासचिव था तो इन्होंने कहा- मैं बड़ा नहीं ग्रामीण विकास मंत्रालय चाहता हूं। वेंकैया ने खुद अटल बिहारी से जाकर यह बात कही।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का श्रेय वेंकैया नायडू को जाता है।
Delhi: PM Narendra Modi and former PM Dr.Manmohan Singh at Vice President Venkaiah Naidu's book launch earlier today pic.twitter.com/1tXczD4E1J
— ANI (@ANI) September 2, 2018
उन्होंने कहा कि वक्ता के रूप में अगर आप नायडू को तेलुगु भाषा में सुनेंगे तो आपको लगेगा कि सुपरफास्ट ट्रेन में बैठे हैं। उनकी तुकबंदी काफी सहज है। पीएम ने कहा कि एक साल का हिसाब देश को देने का जो उन्होंने काम किया है, इसके लिए उनकी टीम को बधाई। इस किताब में उपराष्ट्रपति के 1 साल के कामकाज का ब्योरा दिया गया है।
सदन न चलने देने के लिए कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि अगर सदन ठीक से चला होता तो यह सौभाग्य न मिलता। इस पर खुद उपराष्ट्रपति भी मुस्कुराए। प्रधानमंत्री जब बोल रहे थे तो मंच पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा के साथ ही ऑडियंस में कांग्रेस के कई नेता मौजूद थे। आखिर में पीएम ने कहा कि उनकी (नायडू) इच्छा है कि सदन में गहन चर्चा हो, उनके लगातार प्रयासों से यह सपना भी पूरा होगा।
वहीं, कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि, इस किताब में वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति कार्यकाल में अपने राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव को शामिल करते हैं, और यह उनके एक साल के कार्यकाल में काफी हद तक परिलक्षित होता है | लेकिन सबसे अच्छा अभी भी आने वाला है, किसी कवि ने कहा है कि ‘सितारों के आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं |’
संसद के कामकाज पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि वे संसद को जिस तरह कार्य करना चाहिए वैसा नहीं हो पा रहा है जिसकी वजह से वे थोड़े नाखुश हैं | अन्य विषयों पर चीजे आगे बढ़ रही हैं. विश्व बैंक, एशियन डेवेलपमेंट बैंक, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने जिस तरह की रेटिंग दी है वो प्रशंसनीय है | सभी भारतीयों को आर्थिक क्षेत्र में हो रहे कार्यों पर गर्व करना चाहिए |
#WATCH: PM Modi at book launch of Vice President Venkaiah Naidu says 'Venkaiah ji is a disciplinarian, but our country's situation is such that it is very easy to brand discipline as undemocratic. If someone bats for discipline, he is called autocratic. pic.twitter.com/c4UMOnEjnZ
— ANI (@ANI) September 2, 2018
उन्होंने कहा कि कृषि को निरंतर सहारा देने की जरूरत है | वित्त मंत्री यहां मौजूद हैं, शायद उन्हें यह पसंद नहीं आए जो मैं कह रहा हूं, क्योंकि उन्हें सभी का ध्यान रखना है, लेकिन आने वाले दिनों में कृषि क्षेत्र में विशेष झुकाव की जरूरत है नहीं तो लोग खेती छोड़ देंगे, क्योंकि यह लाभाकारी नहीं है |
I'm little unhappy that Parliament is not functioning as it should. On all other counts, things are moving, World Bank, ADB, World Economic Forum, whatever ratings they are giving is heartening. All Indians should be proud of whatever is happening on economic front: VP Naidu pic.twitter.com/E9hEASry2K
— ANI (@ANI) September 2, 2018
बता दें कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पिछले एक साल के कार्यकाल के अनुभवों को चित्र और शब्दों के माध्यम से संकलित कर पुस्तक का रूप दिया है | जिसका नाम है ‘मूविंग आन मूविंग फारवर्ड, ए इयर इन ऑफिस.’ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एक बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वेंकैया नायडू को अपनी सरकार में मंत्री बनाने की पेशकश की, तब नायडू ने उनसे कहा कि उन्हें ग्रामीण विकास का कार्यभार सौंपा जाए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे दिल से किसान हैं, और किसानों और कृषि के विकास के लिए उनका समर्पण का भाव है |