नई दिल्लीः आम्रपाली मामले को सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बड़ा फ्रॉड बताया है। आम्रपाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए ग्रुप की 16 प्रॉपर्टी नीलाम करने का आदेश दिया है | सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि ग्रुप की सभी 46 कंपनियों और उनके सभी निदेशकों की सम्पति का फोरेंसिक ऑडिट होगा |
इसके साथ ही कोर्ट ने आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा को चार दिनों में अपनी सम्पत्तियों का ब्यौरा हलफनामे में देने का आदेश दिया है | आज कोर्ट ने अनिल शर्मा से ये भी पूछा, ‘2014 में चुनाव आयोग में दाखिल किए गए हलफनामे में 867 करोड़ की बताई गई सम्पत्ति 2018 में 67 करोड़ कैसे हो गई? कोर्ट से जानकारी क्यो छिपाई?’
सुप्रीम कोर्ट के पिछली सुनवाई में कंपनी और निदेशकों के बैंक खातों के फॉरेंसिक ऑडिट को जरूरी बताया था | सुप्रीम कोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा को स्वतंत्र ऑडिटर के नाम सुझाने को कहा था | कोर्ट ने कहा था कि अब तक ऐसा रियल एस्टेट फ्रॉड नहीं देखा और 100 लोगों को जेल भेजना पड़ा, तो ये भी किया जाएगा |
राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (NBCC) ने कोर्ट को बताया था कि आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट पूरे करने में करीब 8500 करोड़ रुपए लगेंगे, आम्रपाली की संपत्तियों को बेच कर इन पैसों का बंदोबस्त कर पाना मुश्किल है | बैंक से फंड लेने की कोशिश की जा सकती है, लेकिन उसमें भी दिक्कत आएगी |
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में NBCC को आम्रपाली के सभी अटके हुए अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी थी | इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी से 30 दिन में विस्तृत योजना मांगी थी | सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को कहा था कि वह 30 दिन में बताए कि वह आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्टों को कैसे पूरा करेगा, साथ ही एनबीसीसी निर्माण कार्य पूरा करने के लिए निश्चित टाइम लाइन भी देगा |
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के सभी ऑडिटर्स को आदेश दिया है कि वह ग्रुप की सभी 40 कंपनियों के खातों का बारीकी से परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें, रिपोर्ट में ये भी बताया जाए कि आम्रपाली ग्रुप द्वारा होम बायर्स के लगभग 2500 करोड़ रुपये कहां लगाए हैं | पिछली सुनवाई के दौरान एनबीसीसी के चेयरमैन, आम्रपाली के चेयरमैन और शहरी विकास मंत्रालय के सचिव भी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे |
आम्रपाली ग्रुप को देना होगा मुआवजा:
रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक को एक घर खरीदार घर की डिलीवरी में 7 साल की देरी पर 6 हफ्तों के भीतर 42.58 लाख रुपए लौटाने होंगे। साथ ही सालाना 12% की दर से ब्याज भी देना होगा। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने यह आदेश दिया है। आयोग की प्रिसाइडिंग मेंबर जस्टिस दीपा शर्मा ने यूनिटेक को 10,000 रुपए बतौर मुकदमा खर्च भी कपूर को अदा करने को कहा है।