शुक्लागंज, उन्नाव। खतरे निशान पार करने के बाद अब गंगा का जल स्तर कुछ घटने की ओर है जिससे गंगा किनारे व उसके आसपास बसे निचले रिहायशी इलाकों तक बाढ़ का पानी गलियों से लेकर घरों तक में घुस गया। घरों से लेकर मोहल्ले की गलियों तक बाढ़ का पानी भरने से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों का जनजीवन ठहर सा गया है।
गंगा का जल स्तर गुरुवार सुबह 8 बजे बढ़ कर 113.320 मीटर तक पहुंच गया है। जो दोपहर 2 बजे तक यह इसी बिन्दु पर ठहरा रहा। चेतावनी बिन्दु से 32 सेमी. उपर बह रही गंगा को देखने के लिए गंगा के नवीन पुल व पुराने पुल पर लोगों की भीड़ जुटने लगी है। लोग पुलों से गंगा में आई बाढ़ व पानी के कल- कल करते वेग का नजारा देख रहे हैं।
गलियों से घरों तक पानी, नावों के सहारे जिंदगीं
पश्चिमी गंगाघाट क्षेत्र के चंपापुरवा, करबला, हुसैन नगर व गोताखोर मोहल्ले में बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। बाढ़ का पानी यहां रहने वाले लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। स्कूलों को जाने वाले बच्चे चैतरफा पानी भरा होने के कारण घरों से नहीं निकल पा रहे हैं। वह घरों में ही कैद होकर रह गए हैं। करबला और हुसैननगर की कई गलियों में बाढ़ का पानी भर जाने से वहां के रास्ते बंद से हो गए हैं। लोगों को नावें बुलवाकर उनके सहारे आना जाना पड़ रहा है। जल स्तर बढ़ जाने से तमाम घरों के भीतर तक बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिसे लोग उलीच रहे हैं। करबला व हुसैन नगर मोहल्लों में जिन लोगों के घरों के अंदर तक पानी प्रवेश कर गया है वह लोग नीचे की मंजिलों से अपनी गृहस्थी ऊपर की मंजिलों में पहुंचा रहे हैं। कई परिवार की रसोई छतों पर लग रही है।
तहसील प्रशासन चैकन्ना
गंगा के बढ़ रहे जल स्तर के मद्देनजर तहसील प्रशासन मुस्तैद है। वह बराबर हर घंटे के जल स्तर पर नजर बनाए हुए है। एसडीएम विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि चेतावनी बिंदु पार करने के बाद तहसील प्रशासन चैकन्ना है। उन्होंने बताया कि गंगा अभी खतरे के निशान से 68 सेमी. दूर है। उन्होंने बताया कि तहसील कर्मचारी नाविकों से बराबर संपर्क में हैं। बाढ़ से निपटने के सारे आवश्यक इंतजाम हैं।