पेट्रोल-डीजल की रोजाना बढ़ती कीमतों से आम आदमी को राहत मिलती नहीं दिख रही। शनिवार को एक बार फिर तेल के दामों में बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में पेट्रोल के दाम 35 पैसे बढ़े हैं, जबकि डीजल की कीमत में 24 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। अब दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 81.63 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल 73.54 रुपये प्रति लीटर मिल रहे हैं।
वहीं, मुंबई में भी पेट्रोल के दाम 34 पैसे प्रति लीटर बढ़े हैं, जबकि डीजल के दाम में 25 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। अब मुंबई में पेट्रोल की कीमत 89.01 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल 78.07 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है।
केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंडिया टुडे ग्रुप के माइंड रॉक्स 2018 के मंच से कहा कि मोदी सरकार ने देश में महंगा पेट्रोल और डीजल बेचकर आम आदमी के लिए बनी योजनाओं पर खर्च किया है. लिहाजा मौजूदा स्थिति में जब वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं | मोदी सरकार के लिए सस्ता पेट्रोल-डीजल बेचना विकल्प नहीं है |
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तेल की बढ़ती कीमतों में दो कारणों से इजाफा हो रहा है | पहला अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑइल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं वहीं ओपेक देश अपने वादे के मुताबिक क्रूड ऑयल की सप्लाई नहीं कर रहे हैं | ऐसे में सरकार के सामने महंगे पेट्रोल-डीजल को काबू करने का कोई विकल्प नहीं है | हालांकि प्रधान ने कहा कि ताजा रुझान बता रहा है कि वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतें काबू में आ रही हैं लिहाजा उम्मीद है कि आम आदमी को जल्द इसका फायदा मिलने लगेगा |
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिका की मौजूदा आर्थिक नीति से दुनिया भर की करेंसी डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रही है | इस चुनौती से दुनिया की सभी उभरती अर्थव्यवस्थाएं लड़ रही हैं | उम्मीद है कि ग्लोबल मार्केट में इस दिशा में भी कुछ नरमी देखने को मिलेगी |
प्रधान ने कहा कि महंगे पेट्रोल-डीजल को देखते हुए कुछ राज्यों ने वैट में कटौती करने का ऐलान किया है | वहीं केन्द्र सरकार ने भी एक साल पहले अपने एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी | लेकिन मोजूदा समय में मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि महंगाई को काबू रखने की दिशा में है | मोदी सरकार ने विषम वैश्विक परिस्थितियों में भी महंगाई को काबू किया है |
धर्मेंद्र प्रधान मे कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान आम आदमी को सस्ता पेट्रोल-डीजल देने के नाम पर सरकार के खजाने पर कर्ज का बड़ा बोझ छोड़ा था | लेकिन मौजूदा मोदी सरकार कर्ज लेकर आम आदमी को फायदा पहुंचाने के बजाए उन्हें कर्ज से मुक्त रखने में भरोसा रखती है |