उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते शुक्रवार हुए शूटआउट पर विवाद जारी है | सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मारे गए एपल मैनेजर विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी से मुलाकात की, सोमवार सुबह कल्पना और विवेक का साला विष्णु सीएम आवास पहुंचे और मुख्यमंत्री से मुलाकात की, रविवार को ही उन्होंने कल्पना तिवारी से फोन पर बात की थी | UP CM ने उनसे बात कर हर संभव मदद का भरोसा दिया था |
मुख्यमंत्री से मिलने के बाद कल्पना तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें 25 लाख रुपये का मुआवजा, दोनों बेटी और विवेक की मां के लिए 5-5 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपोजिट देने का फैसला किया है | इसके अलावा राज्य सरकार परिवार के लिए आवास की भी व्यवस्था करेगी |
प्रशांत ने ख़ुद ये बयान दिया था कि विवेक की गाड़ी से टक्कर में वह नीचे गिर गया था | उसे डर था कि कहीं विवेक उस पर ग़ाडी न चढ़ा दे इसीलिए उसने अपने सर्विस रिवाल्वर से फ़ायर कर दिया | पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि गोली विवेक के शरीर में ऊपर से नीचे की तरफ़ गई |
इसका मतलब है कि आरोपी सिपाही ने सामने से किसी ऊँची जगह से विवेक पर फ़ायर किया था | प्रशांत को कोई चोट नहीं लगी थी | न ही वो गाड़ी की टक्कर से नीचे सड़क पर गिर गया था | रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि प्रशांत ने विवेक को काफ़ी क़रीब से गोली मारी थी | ये गोली उनके शरीर में धँस गई थी |
दो डॉक्टरों जितेन्द्र श्रीवास्तव और प्रवीण कुमार शर्मा की टीम ने विवेक तिवारी का पोस्टमार्टम किया, 28 और 29 सितंबर की दरम्यानी रात को उन्हें गोली मार दी गई थी | ऐपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक अपनी सहयोगी सना को छोड़ने उसके घर जा रहे थे |
रात के क़रीब डेढ़ बजे गोमतीनगर विस्तार के पास पुलिस वालों ने उन्हें गोली मार दी, बताया जाता है कि चीता बाइक पर गश्त लगा रहे सिपाही प्रशांत और संदीप ने विवेक को गाड़ी रोकने के लिये कहा, वे नहीं माने, गाड़ी आगे बढ़ा दी तो प्रशांत ने उन्हें गोली मार दी |
एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि आजकल जो नए लड़के पुलिस में भर्ती हुए है, उनके अंदर जोश अधिक और होश कम है | हम लोग इसके लिए रिफ्रेशर कोर्स चलाएंगे, जिसके तहत इन युवा पुलिसकर्मियों को हथियारों की हैंडलिंग, कानून और ह्यूमन राइट्स का ज्ञान दिया जाएगा | इस दौरान पब्लिक को कैसे हैंडल करना है, इसकी बारीकियों को सिखाया जाएगा |
इस संबंध में न्यूज18 यूपी के एग्जीक्यूटिव एडिटर अमिताभ अग्निहोत्री कहते हैं, ‘मैं बिल्कुल सहमत नहीं हूं कि जो व्यक्ति पुलिस में भर्ती हुआ है उसे कानून की जानकारी न हो’. जब कानून की जानकारी न हो तो पूरी व्यवस्था मजाक बन जाएगी | उन्होंने कहा कि होमगार्ड से लेकर डीजीपी तक को जानकारी होनी चाहिए कि कानून की ताकत का इस्तेमाल कब और कहां करना है |
अगर इसका कोई संतुलन नहीं रख पाता है तो वह पुलिस फोर्स में काम करने के लायक नहीं है | अमिताभ अग्निहोत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस को समझना चाहिए एक अराजक सिपाही दस हार्ड कोर क्रिमिनल से ज्यादा खतरनाक होता है |