स्टॉकहोम :- चिकित्सा के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा के साथ इस प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह की शुरुआत हो गई | सोमवार को अमेरिका के जेम्स पी. एलीसन और जापान के त्सुकु होन्जो को चिकित्सा के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया | हालांकि, इस बार साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिए जाने का फैसला किया गया है | पिछले 70 साल में पहली बार ऐसा है कि साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा | नोबेल एसेंबली ने कहा,‘‘जेम्स एलिसन और तासुकु होन्जो को “ऋणात्मक प्रतिरक्षा विनियमन के अवरोध से कैंसर थेरेपी की खोज के लिए” इस सम्मान से नवाजे जाने की घोषणा की गई है |
इन दोनों वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज के लिए ऐसी थेरपी विकसित की है जिसमें प्रतिरक्षा अवरोधक थेरेपी कुछ कैंसर कोशिकाओं के साथ साथ इम्यून सिस्टम से बने प्रोटीनों को निशाना बनाती है | एलीसन टेक्सास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं और होन्जो क्योतो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं | इन दोनों को 2014 में उनके अनुसंधान के लिए अन्य पुरस्कार दिया जा चुका है |
जापान के त्सुकु होन्जो का जन्म 1942 में जापान के क्योटो में हुआ, वह 1984 से क्योटो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं | वहीं अमेरिकी जेम्स पी एलीसन का जन्म अमेरिका के टेक्सास में 1948 में हुआ था | वह यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के एंडरसन कैंसर सेंटर में प्रोफेसर हैं | इन दोनों प्रतिरक्षा वैज्ञानिकों को ये सम्मान उस प्रोटीन की खोज के लिए दिया है, जो कैंसर की स्टेज में शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है. इस प्रोटीन का नाम पीडी-1 है |
एलिसन और होंजो को मिलेंगे 7.35 करोड़ रु.
जेम्स एलिसन और तासुकु होंजो इससे पहले 2014 में अपनी रिसर्च के लिए एशिया का टैंग प्राइज जीत चुके हैं। इसे एशिया का नोबेल भी कहा जाता है। नोबेल जीतने के लिए दोनों को स्वीडन के कारोलिन्सका इंस्टीट्यूट की तरफ से 90 लाख क्रोनर (करीब 7 करोड़ 35 लाख रुपए) दिए जाएंगे।