इंटरनेट पर साइंस, लिटरेचर, आर्ट्स या फिर दूसरे क्षेत्रों के बारे में काफी जानकारियां उपलब्ध हैं। मसलन, डायनोसोर, धरती की उत्पत्ति, यूनिवर्स, बीमारियां, हाइजीन, डीएनए, जीन्स, सोशल वर्क, ऐसे तमाम टॉपिक हैं, जिन पर ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं। इससे आपकी दिलचस्पी गहराई से इन्हें पढ़ने में जगेगी।
आपका दुनिया को देखने का नजरिया कुछ अलग होना चाहिए। भारत के साइंटिस्ट सी. वी. रमन, जिन्हें नोबेल मिला, वह भी बचपन में आप जैसे ही थे। बस अलग होता है नजरिया। दूसरे बच्चों से अलग वह अपने आसपास हो रही चीजों को समझने और उनमें कुछ ढूंढने का प्रयास करते रहते थे। उनकी तो सरकारी नौकरी भी लग गई थी, लेकिन उन्होंने अपनी उस आरामदायक नौकरी को छोड़ा और ‘रमन इफैक्ट’ की खोज की। इसी खोज के लिए उन्हें नोबेल मिला। आप भी अपनी धुन में लगे रहिए, एक दिन जरूर कामयाब होंगे।
नोबेल पुरस्कार पाने के लिए आपको कुछ अलग करना होगा। ऐसी खोज करनी होगी जो एकदम से यूनीक हो और जबर्दस्त असर वाली हो। नोबेल पुरस्कार पाने वालीं खोजें आम आदमी के लिए होती हैं। ऐसी खोजों को चुना जाता है, जो इंसानों की जिंदगी को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने वाली हों। अगर आप नोबेल चाहते हैं तो आपको भी ऐसी ही खोज करनी होगी। नोबेल पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिकों की खोज दिखने में साधारण ही होती हैं, लेकिन उस खोज तक पहुंचने में वैज्ञानिकों को 50 साल तक लगे हैं। तो आपको भी चाहिए होगा ढेर सारा सब्र।
भारत में रिसर्च की बड़ी सुविधाएं नहीं हैं तो हो सकता है कि आपको बड़े इंस्टिट्यूट में रिसर्च के लिए अमेरिका या किसी और पश्चिमी देश का रुख करना पड़े। आईआईटी, एम्स जैसे भारत के बड़े संस्थानों में पढ़ने वालों के पास बड़े विदेशी इंस्टिट्यूट में रिसर्च करने के ऑफर आते रहते हैं। उनके पास फेलोशिप का मौका भी होता है। अगर आप इन भारतीय संस्थानों में ऐडमिशन पा लेंगे तो आगे का रास्ता भी आपके लिए खुल जाएगा।