लखनऊ :- राजधानी लखनऊ के वीवीआइपी इलाके एनेक्सी के बाहर उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब बीच सड़क पर एक शख्स जानमाज बिछाकर नमाज पढ़ने लगा और अखिलेश जिंदाबाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाने लगा।
पूरा मामला वीवीआईपी रोड के एनेक्सी के सामने का है जहां एक सिरफिरा व्यक्ति जिसका नाम रफीक अहमद पुत्र नजर अहमद निवासी ऐशबाग बताया जा रहा है वह व्यक्ति शुक्रवार शाम लगभग 7 बजे एनेक्सी गेट नंबर एक के पास पहुंचा। जिसके चेहरे पर बड़ी-बड़ी दाढ़ी, सिर पर हरे रंग की पगड़ी थी और वह व्यक्ति कुर्ता पैजामा पहने था। वह स्कूटी को सड़क किनारे खड़ी कर बीच सड़क जानमाज बिछाकर नमाज पढऩे लगा और नमाज़ के दौरान बीच बीच मे नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारे भी लगाता जा रहा था |
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एनेक्सी में आलाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। इस घटना से चौराहे पर भीषण जाम लग गया था। कई अधिकारी और राजनेता जाम में फंस गए। देखते-देखते सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। बीच चौराहे के आसपास पुलिस कर्मी भी तैनात थे। इसके बाद वह उठा और अपनी स्कूटी स्टार्ट कर चला गया। इस मामले पर एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी के द्वारा एनेक्सी के सामने अराजकता फैलाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करने व मौके पर मौजूद 02 कॉन्स्टेबल हजरतगंज कोतवाली में तैनात मनोज व यातायात सिपाही आनन्द प्रकाश को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किये गए हैं।
पूरे मामले में एसपी पूर्वी सर्वेश मिश्रा ने बताया एक व्यक्ति द्वारा एनेक्सी के बाहर बीच रोड पर नमाज पढ़ा जा रहा था और आपत्तिजनक नारे लगाए जा रहे थे जिसकी सूचना पुलिस को मिली तत्काल पुलिस ने अभियुक्त पंजीकृत कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और तत्काल प्रभाव से दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और आगे की कार्यवाही की जा रही है।
वही इस पूरे मामले पर ईदगाह के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का बड़ा बयान सामने आया है, सोशल मीडिया पर ईदगाह के इमाम खालिद रशीद फिरंगी महली का एक वीडियो जारी हुआ है। जिसमें उन्होंने एक सिरफिरे व्यक्ति द्वारा एनेक्सी के सामने नामाज़ पढ़ने और नामाज़ पढ़ने के दौरान बीच बीच मे आपत्तिजनक नारे लगाए जाने की इस हरकत की कड़ी निंदा की है तथा इस घटना को गलत बताया है। मौलाना ने कहा कि उस शख्स ने बीच रोड पर जानमाज बिछाकर यह साबित करने की कोशिश की है कि जैसे वह नमाज़ पढ़ रहा हो बल्कि वह शख्स नमाज नहीं पढ़ रहा था। क्यों की नमाज़ पढ़े जाने के दौरान बीच में किसी तरह की नारेबाजी नहीं की जाती है ना ही नमाज़ से किसी को तकलीफ पहुंचाने की कोशिश की जाती है जैसा कि उस व्यक्ति द्वारा किया गया।