नई दिल्ली :- CBI की अंदरूनी लड़ाई और गहरी होती जा रही है। सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की लड़ाई दिल्ली हाइकोर्ट पहुंच गई, प्रतिष्ठित एजेंसी के भीतर की जंग खुलकर पब्लिक में आने के बाद मोदी सरकार ने डैमेज कंट्रोल के तहत सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया।
साथ में ही एम. नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब आलोक वर्मा केंद्र के इस कदम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। अस्थाना ने कहा कि एक आरोपी के बयान के आधार पर FIR दर्ज की गई है | सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा की याचिका को स्वीकार भी कर लिया है सीबीआई चीफ़ को राकेश अस्थाना के लगाए आरोपों का जवाब देना है और इस पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।
सीबीआई ने बुधवार को तीन दिन में दूसरी बार अपने ही मुख्यालय पर छापा मारा। अफसरों ने वर्मा और अस्थाना के दफ्तरों की फाइलें खंगाली। सीबीआई ने सोमवार को भी यहां छापा मारा था। इस बीच, छुट्टी पर भेजे जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इस पर 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
वकील प्रशांत भूषण ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार गुजरात कैडर के अफसर अस्थाना को बचा रही है। दो साल की अवधि से पहले किसी भी सीबीआई चीफ को नहीं हटाया जा सकता। इसके बावजूद आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया। सरकार राफेल डील की जांच से बचना चाह रही है। वर्मा की जगह नागेश्वर राव को सीबीआई का इंटरिम चीफ बनाया है जबकि राव के खिलाफ भी कई संगीन आरोप हैं।
दूसरी तरफ गिरफ्तार किए गए डीएसपी देवेंद्र कुमार को निलंबित कर 7 दिन की सीबीआइ कस्टडी में भेजा दिया गया है। गौरतलब है कि सोमवार को सीबीआई ने अपने ही दफ्तर में छापेमारी कर देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के खिलाफ देवेंद्र ने हाईकोर्ट में अपनी अर्जी दी है। सीबीआइ के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया था कि विशेष निदेशक राकेश अस्थाना, एजेंसी के अधिकारी देवेंद्र कुमार, रिश्वत देने में भूमिका निभाने वाले मनोज प्रसाद और उसके भाई सोमेश के खिलाफ 15 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया है।
मामले में खुफिया संगठन रॉ के विशेष निदेशक सामंत कुमार गोयल का नाम भी दर्ज किया गया है, लेकिन उन्हें अभियुक्त नहीं बनाया गया है। सीबीआई ने अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से घूस लेने के आरोप में रविवार को एफआईआर दर्ज की थी। बता दें कि कुरैशी धनशोधन और भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहा है। सीबीआई का आरोप है कि दिसंबर 2017 और अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत दी गई।