KGMU: लखनऊ ट्रामा सेंटर में मरीज की मौत के बाद तीमारदारो का हंगामा

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रीडर टाइम्स संवादसूत्र :(मुस्तक़ीम मलिक)

लखनऊ :- यूपी सरकार जहां एक तरफ सरकारी अस्पतालों में अच्छे स्वास्थ्य के दावे करती तो वहीं दूसरी ओर राजधानी के केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों की लगातार लापरवाही देखने की मिलती रहती है। ग़रीबो द्वारा धरती के दूसरे भगवान कहे जाने वाले, ग़रीबो के मसीहा कहे जाने वाले डॉ. अपनी हरकतों के चलते अपना मान सम्मान खोते नज़र आ रहे हैं, आये दिन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा गाँव कस्बो और दूसरे जिले से आये हुए मरीज़ो से अभद्र व्यवहार करते नज़र आते हैं जिसके चलते आये दिन डॉक्टरों और तीमारदारों के बीच नोकझोंक व मारपीट के मामले सामने आते रहते हैं।

 

 

अब तो बात यहां तक आ पहुँची है कि तीमारदार तो तीमारदार मीडिया कर्मियों को भी डॉक्टर नही बक्श रहे हैं। ऐसा ही एक ताज़ा मामला और सामने आया है जिसमें बाराबंकी से आये मरीज की डॉक्टरों की लापरवाही से मौत हो गई। यहां पर देखने वाली बात यह है की जब मरीज की मौत हो गई उसके बाद ट्रामा के डॉक्टरों ने तीमारदारों को शव देने आना कानी शुरू कर दी तीमारदारों का आरोप है कि उनसे पैसों की माँग की जाने लगी तीमारदारों ने जब पैसा देने से मना किया तो डॉक्टरों ने उसके साथ मारपीट की और जेल भिजवाने की धमकी तक दे डाली।

 

 

वही इस घटना की जानकारी पाते ही जब घटना की कवरेज करने मीडिया कर्मी पहुंचे तो मीडिया कर्मियों से ट्रामा सेन्टर के सीएमएस यू.वी. मिश्रा ने तीमारदारों के साथ साथ ही कवरेज करने गए मीडियाकर्मियों से भी अभद्रता करनी शुरू कर दी और कवरेज करने पर मीडियाकर्मियों से धक्का मुक्की शुरू कर दी तथा कवरेज करने से मना करने लगे। सूचना पा कर मौके पर पहुंची पिआरवी तीमारदारों को धमकाने के साथ ही मीडियाकर्मियों को कवरेज करने का तरीका समझाती नज़र आई।

 

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आपको बता दे कि पूरा मामला लखनऊ केजीएमयू के ट्रामा सेंटर का है जहां बताया जा रहा है की बाराबंकी से आई 29 वर्षीय महिला क्वीन मैरी में भर्ती हुई थी जिसकी डिलीवरी होनी थी, लेकिन डॉक्टरों ने महिला की डिलीवरी का समय पूरा होने से पहले ही 7वें महीने पर ही ऑपरेशन कर दिया। जिसमें महिला की हालत गंभीर हो गई जिसको आनन-फानन में ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। साथ ही तीमारदारों का आरोप है की डॉक्टरों ने इलाज करने के बजाए उनको जांच करवाने में उलझाए रखा। साथ ही आरोप लगाया है ट्रामा में डायलिसिस के लिए भी पैसों की माँग की गई।

 

 

जब मीडिया ने इस घटना पर ट्रामा के सीएमएस डॉक्टर संखवार से बात करनी चाही गयी तो मालूम हुआ कि वह लखनऊ में ही उपस्थित नहीं है। जिसके बाद ट्रामा के मीडिया प्रभारी संतोष से संपर्क करने की कोशिश की गई तो मालूम हुआ वो आज छुट्टी पर है। यहां पर देखने वाली बात यह है की ट्रामा सेंटर की इस लापरवाही पर कोई भी अधिकारी ट्रामा के इस पूरे घटनाक्रम पर बाईट देने से कतराते नज़र आये। साथ ही किसी भी अधिकारी ने फोन तक उठाना उचित नहीं समझा। केजीएमयू में आये दिन होने वाले इस तरह के मामले पर स्वास्थ्य विभाग भी अपनी आँखें बन्द किये रहता है |

 

 

इस तरह के मामलों पर कोई भी कार्रवाई नहीं करता है जिससे ट्रामा में डॉक्टरों के हौसले बुलंद होते दिखते हैं। वहीं जब इस मामले पर डॉक्टर पवित्र रस्तोगी से बात की गई तो उनका कहना था कि मरीज के तीमारदारों से ट्रामा में संविदा पर काम करने वाले एक मेल स्टाफ नर्स अमरेश कुमार ने अभद्रता की थी जिसको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही मीडिया कर्मियों से अभद्र व्यवहार किये जाने के मामले पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा है कि ट्रामा के सीएमएस यू.वी. मिश्रा ने अगर अभद्रता की है तो वो किस कंडीशन में है इस की भी जांच करवाई जाएगी लेकिन मीडिया कर्मियों के मुद्दे पर वो गोलमोल जवाब देते नज़र आये।