आई पी एस जसवीर सिंह अपर पुलिस महानिदेशक रूल्स एंड मैनुअल पद पर तैनात थे . उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई 14 फरवरी को हुई . दरअसल आईपीएस जसवीर सिंह ने एक मीडिया संस्थान को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने अपनी सर्विस से जुड़ी बातें उन्होंने साझा की थी . एक न्यूज पोर्टल पर यह इंटरव्यू प्रसारित हुआ तो सरकार ने इसे गंभीरता से लिया. जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया . निलंबन के पीछे विवादास्पद बयान देने और अनाधिकृत रूप से ड्यूटी से गायब होने की वजह बताई गई है .
आरोप है कि इंटरव्यू के दौरान आईपीएस जसवीर सिंह ने ऐसे बयान दिए, जो सरकारी अधिकारियों-कर्मियों के लिए बनाए गए आचरण नियमावली की शर्तों के विपरीत रहा. उत्तर प्रदेश काडर के 1992 बैच के अधिकारी जसवीर सिंह के निलंबन की पुष्टि प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने की. उन्होंने बताया कि इंटरव्यू में विवादास्पद बयान देने और चार फरवरी से ड्यूटी से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के यह कार्रवाई की गई.एडीजी ने 30 जनवरी को इंटरव्यू दिया था. यह वही आईपीएस अफसर हैं, जिन्होंने महराजगंज का एसपी रहते वर्तमान मुख्यमंत्री एवं गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के एक मामले में रासुका लगाने की कार्रवाई शुरू की थी. प्रतापगढ़ में एसपी रहते हुए विधायक राजा भैया के खिलाफ कार्रवाई करने पर भी सुर्खियों में रहे थे. जसवीर सिंह मूलतः पंजाब के होशियारपुर निवासी हैं .
बताया जा रहा है कि इंटरव्यू में जसवीर सिंह ने अपने ट्रांसफर और सरकार की नीतियों को लेकर सवाल उठाए थे, जिसे शासन ने सर्विस कंडक्ट रूल्स के विपरीत मानते हुए कार्रवाई की . आई पी एस जसवीर सिंह एक फौजी परिवार से है . उनके पिता जी सेना में रहे है . उनकी छवि साफ़ – सुथरे आफिसर की छवि है . सिंह 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.