पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने में चीन चौथी बार रोड़ा बना . चीन के इस कदम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों ने जबरदस्त नाराजगी जाहिर की है . सुरक्षा परिषद ने चीन से सख्त लहजे में कहा कि अगर चीन इसी तरह रोड़ा बनता रहा तो मसूद अजहर पर कार्यवाही के लिए दूसरे तरीके अपनाये जायेंगे . अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने चीन के इस कदम को अस्वीकार्य करार दिया . उन्होंने चीन से अपील की है कि वह संयुक्त राष्ट्र को अजहर पर प्रतिबंध लगाने दे . हेरिटेज फाउंडेशन के जेफ स्मिथ और अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के सदानंद धूमे समेत अमेरिकी थिंक टैंक के कई सदस्यों ने चीन के इस कदम की निंदा की है . पुलवामा हमले के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था। यूएनएससी के सदस्यों में सिर्फ चीन ही है जो हमेशा वीटो का गलत इस्तेमाल करता है . और मसूद को बचा लेता है .
Reuters: France says it has decided to freeze the French assets of Jaish-e-Mohammed Chief Masood Azhar pic.twitter.com/mtMGuazFii
— ANI (@ANI) March 15, 2019
मसूद अजहर ग्लोबल आतंकवादी घोषित न हो इसके लिए चीन हमेशा पकिस्तान का साथ देता है तो इस समस्या को दूर करने के और भी विकल्प है .
यूएन चार्टर के अनुच्छेद-27 के तहत फैसला हो सकता है।
अफरमेटिव वोटिंग के जरिये सदस्य देश निर्णय ले सकते हैं।
15 में से 9 सदस्यों ने दिया साथ तो चीन की अहमियत खत्म।
फ़्रांस सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद पर कार्यवाही करते हुए मसूद अजहर की फ्रांस स्थित सभी संपत्तियों को जब्त करने का फैसला किया है. फ्रांस का कहना है कि इसमें दो मत नहीं कि मसूद अजहर आतंकी है और वो विश्व शांति के लिए खतरा है. इससे फ्रांस ने साफ कर दिया है कि वो अपने देश में जैश ए मोहम्मद को पूरी तरह से साफ़ कर देना चाहते है .
France has always been and always will be by India’s side in the fight against terrorism.
France has decided to sanction Masood Azhar at the national level by freezing his assets in application of the Monetary and Financial Code. (3/5)— Emmanuel Lenain (@FranceinIndia) March 15, 2019
दूत ने कहा, ‘‘ चीन का यह कदम आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उसके स्वयं के बताए लक्ष्यों के विपरीत है . ’’ दूत ने पकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान की जमीन पर सक्रिय आतंकवादी समूहों और उसके सरगनाओं को बचाने के लिए चीन पर निर्भर रहता है .