नरेश अग्रवाल के निशाने पर आए बावन ब्लाक प्रमुख समीर सिंह
Jun 23, 2019
भाजपा बनाम भाजपा की सियासत में पेश हुआ अविश्वास प्रस्ताव
रिपोर्ट : गोपाल द्विवेदी ,रीडर टाइम्स
हरदोई : जिले में नरेश अग्रवाल के भाजपा में आने के बाद दो गुटों में बटी भाजपा अब अपने ही लोगों से दो-चार होने की कवायद में जुट गई है। जो पहले से ही आशा की जा रही थी कि नरेश अग्रवाल के भाजपा में आने के बाद साल भर पहले अधिकृत प्रत्याशी बतौर बने प्रमुखों को पैदल करने का दौर शुरू हो गया है । इसी कड़ी में आज भाजपा नेता एवं बावन ब्लाक प्रमुख समीर सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है । यहां प्रस्ताव 117 क्षेत्र पंचायत सदस्यों के एवज में 91 लोगों ने दिया है। वही समीर सिंह भाजपा के आला नेताओं के संपर्क में हैं।
मालूम हो कि हरदोई के 19 ब्लॉकों में फ़िलहाल 03 में हलचल बढ़ गई है। पिछले साल ही नरेश अग्रवाल के भाजपा में जाने के साथ ही साफ़ हो गया था कि हरदोई का राजनीतिक मौसम देर-सबेर सही, पर बदलेगा। मानसून की दस्तक के साथ सदर संसदीय क्षेत्र की 02 क्षेत्र पंचायतों की राजनीति पर ‘ बदलाव के बादल ‘ मंडराने लगे हैं। सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद जिले में भी पंचायतों की राजनीति पर सत्ता पक्ष ने पकड़ बनाने की कवायद शुरू कर दी थी। सबसे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष को टारगेट किया गया था। बिलग्राम-मल्लावां विधायक आशीष सिंह ‘आशू’ की अगुवाई में अध्यक्ष को शासन से मुअत्तल करा 03 सदस्यीय संचालन समिति गठित करा दी गई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने अध्यक्ष मीरा अग्रवाल को बहाल कर दिया था। बाद के दिनों में नरेश अग्रवाल संग मीरा भी भाजपा के भजन भजने लगीं और खुद को पूरे कार्यकाल के लिए महफूज कर लिया। क्षेत्र पंचायतों में सबसे पहले टड़ियावां प्रमुख बंसीलाल और अहिरोरी प्रमुख आकाश वर्मा ने अविश्वास प्रस्ताव के आसार देख इस्तीफा दे दिया था।
बिलग्राम, टोडरपुर, बावन और पिहानी में प्रमुखों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव तत्कालीन भाजपा जिलाध्यक्ष श्री कृष्ण शास्त्री के निर्देशन में प्रस्तुत होने के बाद पारित हो गए थे। बाद में बिलग्राम, टड़ियावां, पिहानी व बावन में निर्विरोध और टोडरपुर व अहिरोरी में वाया चुनाव भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार प्रमुख पद पर निर्वाचित हुए थे। सबसे ज़्यादा चर्चा जाहिर ही बावन के तख्तापलट की हुई थी, इसलिए कि वहां समीर सिंह ने नेता नरेश अग्रवाल की किलेबन्दी ध्वस्त की थी। लेकिन, कुछ ही समय बाद नरेश अग्रवाल भाजपा में दाखिल हो गए और साथ ही बावन सहित कुछ अन्य क्षेत्र पंचायतों में प्रमुखों के बे-दखल होने की चर्चा शुरू हो गई थी। खासकर, ब्लॉक की एक बैठक के दौरान सदर विधायक नितिन अग्रवाल और प्रमुख समीर सिंह के बीच हुई तकरार के बाद चर्चाओं को पर लग गए थे।
अग्रवाल ने अहिरोरी में सदर सांसद जय प्रकाश के कन्धे का इस्तेमाल कर और बावन में सीधे ही निशाना साध दिया। जय प्रकाश के पत्र लिखने के बाद डीएम ने अहिरोरी प्रमुख शिव रतन के विरुद्ध कथित अनियमितताओं की जांच को कमेटी गठित की है।
वहीं, कल नरेश अग्रवाल के जनपद प्रवास के दौरान उनके आवास पर भारी गहमागहमी से अंदाजा लग गया था कि बावन प्रमुख पर जल्दी ही अविश्वास प्रस्ताव का प्रहार हो जाएगा। इसका अंदाजा समीर को भी हो गया था और भाजपा में उनके हितैषी नेताओं ने कल ही पारुल दीक्षित के आवास पर बैठक कर उत्पन्न संकट से निपटने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया था। बैठक में एक विधायक भी पहुंचे थे। समीर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव 91 लोगों ने पेश किया है। विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव (भाजपा बनाम भाजपा) को लेकर पार्टी के गलियारों में सन्नाटा पसरा है।
जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्र नीरज से सम्पर्क करने पर उनके दोनों कॉन्टेक्ट नम्बर ‘आउट ऑफ़ नेटवर्क कवरेज एरिया’ मिले। बहरहाल नरेश अग्रवाल की भाजपा में आने के बाद लोगों ने कयास लगाने शुरू कर दिए थे कि भाजपा में ही आपस में उथल-पुथल का दौर शुरू होगा जो कि लोकसभा चुनाव में दोनों सीटें जीतने के बाद अब खेल शुरू हो गया है।वहीं भाजपा नरेश अग्रवाल द्वारा चलाई गई इस मुहिम को कैसे रोकती है यह देखने वाली बात होगी।