मौन से मौन का फिर मिलन हो गया।
राधा स्वासों में है वो हृदय की गति।
मीरा ऐसी रमी प्रेम मय हो गई।
एक निमंत्रण जो नैनो से नैनो का है।
कुछ पलों के लिए मुझको ऐसा लगा।
इस हृदय की धरा में आये जो आये हो तुम।
नेहा शुक्ला (श्रुति)
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