वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान गंभीर रूप से आमने-सामने हैं। व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ट्रम्प ने कहा कि वे दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कुछ भी करेंगे।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से यह छठी बार है जब ट्रम्प ने मध्यस्थता की पेशकश की है। इससे पहले सोमवार को इमरान के साथ मुलाकात के दौरान भी उन्होंने खुद को बेहतर मध्यस्थ बताते हुए कहा था कि भारत-पाक चाहेंगे तो वे मदद के लिए तैयार हैं।
ट्रम्प ने रिपोर्टर्स से कहा, “मेरी भारत और पाकिस्तान दोनों से कश्मीर मुद्दे पर बात हुई। विवाद सुलझाने के लिए मैंने उन्हें मध्यस्थता की पेशकश की। मैंने कहा कि मैं कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए कुछ भी करूंगा, क्योंकि दोनों पड़ोसी गंभीर रूप से आमने-सामने हैं। उम्मीद है कि यह स्थिति जल्द ही बेहतर होगी।”
ट्रम्प के लगातार बदल जाते है बयान कश्मीर के लिए
अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार कश्मीर मुद्दे पर बयान बदलते रहे हैं। सोमवार को इमरान के साथ मुलाकात में उन्होंने कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान दोनों राजी हों तो वे कश्मीर पर मध्यस्थता करेंगे।
हालांकि, अगले दिन प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद ट्रम्प ने भरोसा जताते हुए कहा था कि मोदी और इमरान इस मसले को सुलझा सकते हैं। ट्रम्प ने मोदी-इमरान से मुलाकात की अपील करते हुए कहा था कि अगर दोनों एक-दूसरे को जानेंगे तो अच्छे नतीजे सामने आएंगे।
भारत तीसरे पक्ष के खिलाफ
भारत की तरफ से पहले भी कई बार ट्रम्प की मध्यस्थता की पेशकश को ठुकराया जा चुका है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 समिट में ट्रम्प से मुलाकात के दौरान कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को गैरजरूरी बताया था।
साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने ट्रम्प के सामने दो टूक कहा था कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है और हम दुनिया के किसी भी देश को इस पर कष्ट नहीं देना चाहते। इस पर ट्रम्प ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि कश्मीर में हालात भारत के नियंत्रण में हैं।
ट्रम्प ने पहली बार की थी इमरान के दौरे पर मध्यस्थता की बात
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका यात्रा के दौरान ट्रम्प ने 22 जुलाई को मध्यस्थता की पेशकश की थी। उन्होंने यही प्रस्ताव 2 अगस्त, 23 अगस्त और 10 सितंबर को दोहराया था।