Home राज्य दिल्ली दो नेता आपस में अड़े बेटी-बेटे को टिकट दिलाने , दोनों के तेवर ने बढ़ाई भाजपा की उलझन
दो नेता आपस में अड़े बेटी-बेटे को टिकट दिलाने , दोनों के तेवर ने बढ़ाई भाजपा की उलझन
Sep 26, 2019
नई दिल्ली : विपक्षी दलों में फूट के कारण हरियाणा विधानसभा में उत्साह से लबरेज भाजपा नेतृत्व की उलझन राज्य के दो कद्दावर नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने बढ़ा दी है। राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी तो कृष्णपाल गुर्जर अपने बेटे को टिकट दिलाने पर अड़े हुए हैं।
इसी दौरान इंद्रजीत के लगातार शक्ति प्रदर्शन से सतर्क पार्टी नेतृत्व ने इस मामले में फैसला फिलहाल टाल दिया है। दोनों केंद्रीय मंत्रियों का तर्क है कि अगर चौधरी बीरेंद्र के परिवार से तीन-तीन लोग संसद और विधानसभा में जा सकते हैं तो उनके परिवार का दूसरा सदस्य टिकट क्यों नहीं पा सकता?
दो दिन पूर्व पार्टी मुख्यालय में चुनाव को ले कर हुई बैठक में इस मुद्दे पर बेहद तल्ख बहस हुई। नेतृत्व का तर्क था कि चूंकि चौधरी बीरेंद्र की पत्नी विधायक हैं इसलिए टिकट केमामले में उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती।
इस पर गुर्जर का कहना था कि उनका पुत्र देवेंद्र चौधरी भी चुना हुआ पार्षद और डिप्टी मेयर है। वहीं इंद्रजीत का कहना था कि वह भी अपनी बेटी के टिकट के लिए चौधरी बीरेंद्र सिंह की तरह केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
राव अपनी बेटी आरती राव को रेवाड़ी से टिकट दिलाना चाहते हैं। उनकी योजना अगले लोकसभा चुनाव में अपनी जगह अपनी बेटी को गुडग़ांव से लोकसभा चुनाव लड़ा कर अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने की है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि राव इंद्रजीत सिंह की शिकायत है कि एक तरफ उनकी बेटी के साथ-साथ उनके समर्थकों को टिकट देने में आनाकानी हो रही है, जबकि उनके धुर विरोधियों को पार्टी में शामिल करा कर टिकट देने की तैयारी की जा रही है।
अपने विरोधी जगदीश यादव, राव अभय सिंह, विक्रम ठेकेदार को टिकट दिए जाने की संभावना के बीच राव इंद्रजीत रैलियों केमाध्यम से लगातार शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।
उनके समर्थकों का कहना है कि 69 वर्षीय राव के पास अपने पुत्री को अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने का यह आखिरी मौका है। इसलिए वह किसी भी सूरत में अपनी बेटी को टिकट दिलाने पर अड़े हैं।
पार्टी मुख्यालय में राज्य की कोर कमेटी की बैठक में 65 सीटों पर हुई चर्चा
पार्टी मुख्यालय में राज्य की कोर कमेटी की पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ 65 सीटों पर वन टू वन चर्चा हुई। इस क्रम में तैयार किए गए पैनल और आंतरिक रिपोर्ट का मिलान किया गया।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इनमें 55 सीटों पर एक-एक नाम तय कर लिये गए हैं। बैठक में राज्य के सीएम मनोहर लाल, चुनाव प्रभारी नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभारी अनिल बंसल, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला मौजूद थे।