अब नुमाइश का ज़माना है ख़ुदा ख़ैर करे

रिपोर्ट : आशीष गुप्ता , रीडर टाइम्स


हरदोई : सण्डीला कस्बे में चल रहे 28वें झाड़ीशाह उर्स और मेले में दूसरे दिन मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास जनपदों के कई शायरों ने शिरकत की। पूर्व मंत्री अब्दुल मन्नान ने शमां रोशन कर मुशायरे का आगाज़ किया। मुशायरे का संचालन इस्माइल नज़र देवास मध्य प्रदेश ने किया और अध्यक्षता पपलू लखनवी ने की।

मुशायरे की शुरुआत मख्मूर ककोरवी ने नात शरीफ से की “मुझको यज़ीद-ए-वक़्त ने कत्ल इसलिये किया, हर शख्श महवे ख्वाब था बेदार मैं ही था” जिसके बाद आसिम ककोरवी ने “बड़ी शहरा नूर दी कि जरूरत होती है साहब, तो फिर जाकर कहि एक शेर की तामील होती है” नूरी परवीन ने “फिर याद तेरी आई मुझ को शबे याद तन्हाई, हर जख्म हारा होगा चलने लगी पुरवाई” सलीम ताबिश “अब नुमाइश का ज़माना है खुदा खैर करे, तो इमदाद भी करते है तो तशहीद के साथ” इरफान लखनवी ‘मुझसे महफ़िल में वो अक्सर नही बोला करते, जैसे चुप रहते है पत्थर नही बोला करते” फारूक आदिल “अनीस ज़ौक जिगर मीर मुशफी ग़ालिब, हम उर्दू वाले बड़ा खानदान रखते है” “या इलाही तू कभी वो दिन न दिखलाना मुझे, मैं अज़ीज़ों से कहूं क्या तुमने पहचाना मुझे” शेर पढ़ी।

मुशायरा की निजामत इस्माइल नज़र ने की। मुशायरा देर रात तक चला मुशायरे में मुशायरा कन्वीनर आमान अली मेला इंचार्ज कदीर पहलवान अब्दुल अली वसीम वारसी अनस खान आदि लोग मौजूद रहे।