नित्य संध्योपासना, हवन, प्राणायाम तथा ध्यान करने से स्ट्रेस नहीं होता

हरदोई
गोपाल द्विवेदी
 संवाददाता  रीडर टाइम्स
 और इससे शरीर में हानिकारक हारमोंस नहीं बनते जिससे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
शहीद उद्यान स्थित कायाकल्प केंद्र के संस्थापक व सीनियर नेचरोपैथ डॉ० राजेश मिश्र ने बताया कि वे कई वर्षों से लगातार संध्योपासना व हवन करते आ रहे हैं जिससे स्ट्रेस नहीं होता। कहा स्ट्रेस के अभाव में शरीर में घातक हार्मोन उत्पन्न नहीं होते। डॉक्टर मिश्र ने बताया जब स्ट्रेस बढ़ता है तो एड्रिनल ग्रन्थि कॉर्टिसोल नामक हार्मोन अधिक मात्रा में उत्पन्न करती है जो ग्लूकोज को नष्ट कर देता है। कहा ग्लूकोज मस्तिष्क के लिए मुख्य चीज है ग्लूकोज की कमी से याददाश्त कमजोर हो जाती है। अतः लोगों को चाहिए कि नित्य प्रात: सायं संध्या और हवन करें, प्राणायाम तथा ध्यान करें जिससे स्ट्रेस नहीं होगा और याददाश्त अच्छी रहेगी।
डॉ० मिश्र ने बताया कि हवन करने के बाद प्राणायाम करने से शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन पहुंचती है और मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ती है उन्होंने कहा कि आजकल घरों में नित्य हवन न होने के कारण लोगों को शुद्ध ऑक्सीजन नहीं मिलती जिससे वे स्ट्रेस में रहते हैं और उनकी याददाश्त प्रभावित होती है। कहा अच्छी याददाश्त (स्मृति) के लिए नित्य हवनोपरान्त प्राणायाम करना पहली शर्त है। इसके साथ में सात्विक आहार लेना चाहिए।