बलरामपुर समायोजन रदद् होने के सदमे से शिक्षा मित्र की मौत

 

संवाददाता (विजय पाल वर्मा )

        रीडर टाइम्स 

बलरामपुर जनपद के उतरौला तहसील अन्तर्गत शिक्षा क्षेत्र गेंडास बुजुर्ग के ग्राम पंचायत खजुरिया में नियुक्त शिक्षा मित्र की मौत हो गई।शिक्षा मित्रों का समायोजन रद् होने के बाद शिक्षामित्र अवसाद में चल रहे थे।ऐसी बात निकलकर सामने आई है।कई शिक्षामित्र सुसाइड का रास्ता अपनाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर चुके हैं।26 जनवरी गणतंत्र दिवस को विकास खण्ड गैड़ास बुजुर्ग क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय खजुरी में शिक्षामित्र पद पर तैनात सुनील रस्तोगी की असामयिक मृत्यु हो गई।परिजनों के द्वारा बताया गया है कि समायोजन रद्द होने के बाद से शिक्षामित्र अवसाद की स्थिति में जिंदगी जी रहा था।पारिवारिक आर्थिक हालात काफी कमजोर हो गए थे।मानदेय के पैसों से जीवन यापन करना मुहाल हो गया था।आर्थिक हालात खराब होने के चलते शिक्षामित्र सुनील रस्तोगी ने शिक्षण कार्य के साथ साथ मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने की कोशिश की।लेकिन,सारी कोशिशें विफल हो गई।रविवार गणतंत्र दिवस को उनकी आकस्मिक मौत हो गई।छोटे-छोटे दो बेटे,दो बेटियों एवं विधवा हुई पत्नी का इकलौता सहारा चले जाने से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।वहीं शिक्षा मित्र की मौत पर शिक्षा मित्रों में उबाल है।ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।शिक्षामित्र संगठनों ने शिक्षामित्र की मौत पर दुख व्यक्त किया है।शिक्षामित्र नान बाबू शर्मा एवं हामिद अली चौधरी ने कहा कि सरकार की शिक्षामित्र विरोधी नीति ने एक और शिक्षामित्र की जान ले ली है।समायोजन निरस्त होने के बाद से ही शिक्षामित्र अवसाद में हैं।सुनील रस्तोगी की पारिवारिक आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर होने के कारण परिवार के भरण पोषण का दायित्व इन्हीं के कंधों पर था।इसलिए शिक्षण कार्य करने के साथ में ये मेहनत मजदूरी भी किया करते थे।आकस्मिक मृत्यु ने परिवार को गहरा सदमा दिया है।शिक्षामित्रों की मौत हो रही हैं और योगी आदित्यनाथ सरकार की आंखें अभी भी नहीं खुल रही है।