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Report – Shyam ki Gupta
कोरोना से बचाव को खूब बजी थाली और ताली
शाहाबाद(हरदोई) कोरोना वायरस से बचाव के लिए जनता कर्फ्यू के तहत घरों में दिन भर रहे लोगों ने शाम पांच बजते ही थाली, ताली और शंख बजाने शुरू कर दिए। पूरा शहर मानो मंदिर में तब्दील हो गया हो। हर ओर से ध्वनियां ही सुनाई पड़ रही थीं।
यह नजारा स्वतः स्फूर्त था। ठीक पांच बजते ही लोगों के घरों से थाली पीटने की आवाज आने लगी। बहुतों ने शंख और घण्टे भी बजाए। कई बुजुर्ग ताली पीटते नजर आए। ऐसे ही एक बुजुर्ग राम किशोर अवस्थी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने ऐसा करने को कहा है तो उसके पीछे जरूर कोई वैज्ञानिक आधार होगा। उन्होंने कहा कि आज हमारे घर में घंटी बजाकर भजन भी होगा। जिसमें सिर्फ परिवार के सदस्य होंगे। घंटों और थाली की ध्वनियों से गुंजायमान नगर में करीब लगभग दस घंटे बाद ही हरकत में नजर आए। इसके पहले सुबह सात से शाम पांच बजे तक तो सन्नाटा ही रहा।
हरदोई जनपद में रविवार को प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता द्वारा जनता कर्फ्यू लगाया गया। जगह जगह सन्नाटा रहा, लोगो ने कोरोना वायरस को हराने को लेकर जनता कर्फ्यू का किया सम्मान। वही पुलिस की सतर्कता भी जगह जगह दिखी। जनपद हरदोई में हर जगह की सीमाएं को सील किया गया।सब तरफ एक ही नारा था कि कोरोना को हराना है देश बचाना है।
उधर समाजसेवियों की पहल भी सराहनीय है।उनका कहना है कि डरपोक न बनें, न घबराएं। घरों में रहें और सावधानी बरतें। नौकर व घरों में काम करने वाली महिलाओं को भी जागरूक करें। उन्हें मास्क, साबुन, दस्ताने खुद खरीद कर दें। आने और जाने पर सैनिटाइजर से हाथ साफ कराएं। महिलाओं का कहना है कि हम सब एक संग जागरूक होंगे तो निश्चित रूप से कोरोना भाग जाएगा। महिलाओं का कहना है कि सीमा पर जवान देश की रक्षा करते हैं, हम लोगों को घरों में रहकर ही देश की रक्षा करनी है।
इनरव्हील क्लब की अनुराधा मिश्रा कहती हैं कि जनता कर्फ्यू के दौरान सभी घरों में रहकर बुजुर्गों के साथ बातचीत करे ,उनके साथ बैठे, बच्चों के साथ खेलें। ईश्वर के साथ जुड़े, कुछ समय ईश्वर के साथ एक होने का प्रयास करें, योग प्राणायाम करें। जिससे मन शांत होगा, अच्छा समय बीतेगा, आपका और परिवार का कल्याण होगा। कोरोना से भयभीत न हो बस थोड़ा सावधानी बरतें। अर्चना बाजपेई कहती हैं कि डरपोक बनने की जरूरत नहीं है। घर में रहें और सावधानी बरतें। घरों में जो काम करने वाले हैं उन्हें भी जागरूक करें। शिवानी वर्मा के अनुसार जंग के दौरान सेना के जवान तो सीमा पर हम लोगों की रक्षा करते हैं। हम लोगों को तो घरों में रहकर देश और समाज की रक्षा करनी है। इस कठिन समय में सभी एक साथ खड़े हों। रागिनी तिवारी के अनुसार हम खुद जागरूक हों और दूसरों को भी जागरूक करें।
रविवार को घर के बाहर न निकलकर जनता ने संयम और संकल्प के साथ सुरक्षा का घेरा तैयार किया है। और आगे भी जरूरी हो तो ही निकलें।
शास्त्रों के जानकार व महर्षि वेद व्यास जनसेवा समिति के सचिव शास्त्री उमाकांत अवस्थी का कहना है कि 22 मार्च रविवार को शाम पांच बजे घरों से ही ताली बजाकर, थाली बजाकर, घंटी बजाकर लोगों का आभार जताने की पीएम की अपील का सभी ने समर्थन किया।
प्रधानमंत्री की अपील के पीछे भी भारतीय संस्कृति और विज्ञान छिपा है। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म-संस्कृति में करतल ध्वनि, घंटा ध्वनि, शंख ध्वनि का अपना महत्व है। मंदिर हों या घर, इन ध्वनियों का पूजा पद्धति में विशेष स्थान है। घंटियां बजाने से हमारे शरीर के सभी सात उपचार केंद्र सक्रिय होते हैं।
पं. सुनील शास्त्री ने कहा कि जब घंटा और घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है। कंपन का फायदा ये है कि इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मानव शरीर में अधिक ऊर्जा का संचार होता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
सनातन धर्म प्रचार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सनत मिश्रा का कहना है कि ताली भी बजाओ, थाली भी बजाओ। अमंगल को दूर करने के लिए तुलसी ने भी रामचरितमानस में इसका वर्णन किया गया है। पारंपरिक पूजा पद्धति में शंख, कांस्य, घंट इत्यादि की ध्वनि का आयुर्वेद के अलावा शिवपुराण में भी विशेष महत्व बताया गया है। मंगल ध्वनि से जीवन से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ प्रवीन दीक्षित बताते हैं कि कैरोना से डरे नहीं,सावधानी और सुरक्षा से रहैं।उन्होंने आंझी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का परीक्षण किया तथा जरूरी परामर्श के साथ दवाइयां दीं।
डा.अमित पाठक कहते हैं कि कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज के थूक और छींक से यह तेजी से फैलता है।इसलिए भीड़ वाले इलाकों में न जाएं।जिन लोगों को सर्दी जुकाम और बुखार है वह घर से न निकलें।हाथ बार-बार धोते रहें। पानी खूब पीएं,घर का खाना खाएं।संक्रमित मरीज के थूक और छींकने से वायरस स्वस्थ व्यक्ति के मुंह, नाक और आंख के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।यह तेजी से फैलता है, इसलिए बचाव जरूरी है।मगर, असर उन्हीं पर दिखाता है जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
सामान्य वायरस के संक्रमण में सर्दी जुकाम और नाक निकलती है। मगर,कोरोना वायरस में गला खराब होने के बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के 14 दिन तक लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
डॉ शारिक परवेज के अनुसार यह वायरस हवा में नहीं उड़ता है बल्कि सतह पर रहता है। जो 12 घंटे तक जीवित रहता है।इससे बचाव के लिए हाथों को साबुन या सैनिटाइजर से धुलें।वहीं कपड़ों पर 9 घंटे तक रहता है।इसके लिए कपड़ों को धुलने के बाद तेज धूम में सुखाएं।
डॉक्टर नितिन त्रिपाठी कहते हैं कि आइसक्रीम,कोल्ड ड्रिक और ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।साथ ही गर्म पानी पिएं।सर्दी-जुकाम होने पर नमक के पानी से गरारा करें।