Home Breaking News क्वाराटाइन सेन्टर में भर्ती कोरोना के संदिग्ध मरीज अपने घरों में कर रहे मस्ती
क्वाराटाइन सेन्टर में भर्ती कोरोना के संदिग्ध मरीज अपने घरों में कर रहे मस्ती
Apr 06, 2020
जनता को गंभीर खतरे में डालकर केवल कागजों पर हो रहा क्वारनटाइन का खेल
रिपोर्ट:-ब्यूरो चीफ(गोपाल द्विवेदी)
हरदोई :- कोरोना वायरस के खतरे के बीच ग्रामीण अंचलों के क्वारांटाइन सेंटरों को लेकर घोर लापरवाही सामने आई है। इलाके मे कई क्वारांटाइन सेंटर सिर्फ कागजों पर चल रहे हैं और इन सेंटरों पर क्वारांटाइन किये गए लोग अपने घरों में मस्ती कर रहे हैं। इसकी आड़ में सरकारी धन का तो गोलमाल हो ही रहा है, समाज पर भी गम्भीर खतरा मंडरा रहा है।
मालूम हो कि राज्य सरकार के निर्देश पर दिल्ली,राजस्थान, गुजरात आदि राज्यो व यूपी के बड़े शहरों से पलायन कर बड़ी संख्या में घर लौट रहे लोगों को किसी अलग स्थान पर रखकर 14 दिनों के लिए क्वारांटाइन कराने को कहा गया लेकिन कई क्वारांटाइन सेंटर जिम्मेदारों की लापरवाही व अव्यवस्थाओं का शिकार होकर रह गए हैं। पाली नगर में क्वारांटाइन किये गए लोगों को घटिया खाना मिलने और शिकायत पर लाठियों से पीटे जाने का खुलासा होने के बाद भरखनी ब्लॉक के रहतौरा ग्राम में बनाये गए क्वारांटाइन सेंटर के बारे में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। रहतौरा के सफाईकर्मी लल्लूलाल ने बताया कि 31 मार्च को यहां क्वारांटाइन के प्राथमिक विद्यालय में व्यवस्थाएं की गई लेकिन गांव में दिल्ली व नोएडा आदि जगहों से आये तकरीबन 42 लोग अपने घरों में ही रह रहे हैं। बीडीसी अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि पलायन कर गांव में आये लोग स्कूल में बनाये गए क्वारांटाइन सेंटर पर आए, लेकिन यहां कोई भी कमर्चारी न होने की वजह से वह लोग घरों में लौट गए। टोल फ्री नम्बर पर भी सूचना दी गई लेकिन कोई भी प्रशासनिक टीम नहीं पहुंची। बीडीसी का आरोप हैं कि क्वारांटाइन के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही हैं। यह लापरवाही समूचे गांव पर भारी पड़ सकती है। फिलहाल एसडीएम सवायजपुर मनोज कुमार सागर ने कहा कि अगर उनमें लक्षण नहीं हैं तो वह घरों में रह सकते हैं,बशर्ते किसी से मिले न क्योंकि स्कूल में यह लोग नहीं रुकते हैं